3Hs Method: जब कोई अपना दुखी या परेशान होता है तो हम अक्सर समझ नहीं पाते कि उसे क्या चाहिए सलाह, सहानुभूति या बस चुपचाप साथ। इस उलझन को सुलझाने के लिए साइकोलॉजिस्ट और रिलेशनशिप कोच ने एक आसान और असरदार तरीका बताया है जो है ‘3Hs मैथड’(3Hs Method) यानी Help (मदद), Heard (सुना जाना), और Hugged (गले लगाना)। यह तरीका न सिर्फ रिश्तों को मजबूत करता है, बल्कि दुखी व्यक्ति को सही इमोशनल सपोर्ट भी देता है।
Help, जब कोई समाधान चाहता है
कभी-कभी लोग सिर्फ रोना नहीं चाहते, उन्हें आगे बढ़ने का रास्ता चाहिए होता है। वे पूछते हैं जैसे “अब क्या करूं?”, “आगे कैसे बढ़ूं?” ऐसे समय में उन्हें सहानुभूति नहीं, बल्कि दिशा और समाधान की जरूरत होती है। डेल्ना कहती हैं कि “ऐसे लोगों को सुझाव, ताकत और एक्शन प्लान देने से वे खुद को मजबूत महसूस करते हैं।” उदाहरण की बात करें तो अगर कोई व्यक्ति जहरीले रिश्ते में है तो उसे इमोशनल सपोर्ट नहीं, बल्कि उस रिश्ते से बाहर निकलने का तरीका चाहिए।
3Hs Method: Heard, जब कोई सिर्फ अपनी बात कहना चाहता है
हर परेशानी का हल जरूरी नहीं। कई बार लोग सिर्फ यह महसूस करना चाहते हैं कि कोई उन्हें बिना टोके, बिना जज किए सुन रहा है। ऐसे समय में लोग कहते हैं कि “मैं बस बात करना चाहता/चाहती हूं”, “कोई सलाह मत दो, बस सुनो।” इस समय चुपचाप और दिल से सुनना ही सबसे बड़ा सहारा होता है। उदाहरण के लिए जैसे अगर कोई दोस्त किसी प्रिय को खोने का दुख झेल रहा है, तो उसे ‘मजबूत बनो’ जैसी बातें नहीं चाहिए होती, बस कोई चाहिए जो कहे कि “मैं सुन रहा हूं।”
Hugged, जब किसी को सिर्फ सुकून चाहिए होता है
कभी-कभी शब्द भी कम पड़ जाते हैं। ऐसे वक्त में किसी का पास होना, हल्की मुस्कान या एक गले लगाना बहुत मायने रखता है। ऐसे में लोग चाहते हैं कि “कुछ मत कहो, बस पास बैठो”, “क्या तुम मुझे गले लगा सकते हो?”जैसे एक डरा हुआ बच्चा सिर्फ यह नहीं सुनना चाहता कि ‘डरने की जरूरत नहीं’, वह चाहता है कि कोई उसे गले लगाए और सुरक्षित महसूस कराए।
क्यों जरूरी है सही प्रतिक्रिया
डेल्ना बताती हैं कि अगर हम किसी को ‘हेल्प’ दें जब वह सिर्फ ‘सुना जाना’ चाहता है, या उसे ‘गले लगाएं’ जब वह ‘सलाह’ चाहता है तो यह इमोशनल डिस्टेंस पैदा कर सकता है। इसलिए हमें समझने की जरूरत है कि सामने वाले को अभी किस चीज की जरूरत है।