Pashu Chara Policy : मंत्री सौरभ बहुगुणा के नेतृत्व में तैयार हुई पशु चारा नीति 1 Good News

देहरादून से अनीता आशीष तिवारी की रिपोर्ट – 
Pashu Chara Policy उत्तराखंड में पशुपालकों के पशुओं के लिए मांग के अनुरूप चारे की कमी को देखते हुए उत्तराखंड सरकार द्वारा पहली बार राज्य में प्रभावी पशु चारा नीति बनाई गई है। जिसके माध्यम से राज्य के पशुपालकों के पशुओं के लिए साल भर पर्याप्त मात्रा एवं उचित दरों पर पशु चारा एवं पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाएगा। 

Pashu Chara Policy प्रदेश में पहली बार मिली पशुपालकों को बेहतरीन पॉलिसी

Pashu Chara Policy
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Pashu Chara Policy इस संबंध में  कैबिनेट मंत्री पशुपालन, मत्स्य  दुग्ध विकास उत्तराखंड सरकार
सौरभ बहुगुणा ने बताया कि,भारत सरकार द्वारा नेशनल प्रोग्राम फॉर डेयरी डेवलपमेंट (एनपीडीडी-जेआइसीए) योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में  639.18 लाख रुपए का डेयरी विकास विभाग हेतु प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ है। इस स्वीकृत प्रोजेक्ट के अंतर्गत दुग्ध सहकारी समितियों के सदस्यों को विभिन्न चारे के बीज का वितरण, चारा काटने की मशीन, ग्राम स्तर पर साइलेज का उत्पादन तथा चारा बेलिंग मशीन हेतु अनुदान राशि एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। 
Pashu Chara Policy मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि पशुपालकों को समय-समय पर पशुपालन संबंधी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। पशुपालन मंत्री ने बताया कि नई पशु चारा नीति के अंतर्गत पशु चारे की कमी को दूर करने हेतु यह हमारा प्रथम प्रयास है। तथा भविष्य में अन्य योजनाओं के अंतर्गत पशुओं को उचित दर पर पौष्टिक पशु चारा उपलब्ध कराए जाने के लिए विभिन्न प्रोजेक्ट तैयार कर स्वीकृत कराए जाएंगे। जिससे अगले 5 वर्षों में उत्तराखंड में पशु चारे की कमी को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकेगा।
Pashu Chara Policy आपको बता दें कि उत्तराखंड के युवा कैबिनेट मंत्री और पहली बार उत्तराखंड सरकार में अपनी प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सितारगंज के विधायक और पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा लगातार अपने विभागों को सक्रिय प्रभावी बनाते हुए राज्य हित में आम जनता को  बेहद कामयाब योजनाओं की सौगात दे रहे हैं। इसी की वजह से न सिर्फ पशुपालन ,  गन्ना विकास बल्कि रोजगार के क्षेत्र में भी उत्तराखंड को सौरभ बहुगुणा के विजन से कई बड़ी कामयाबी बीते 1 सालों में मिली है। उम्मीद की जानी चाहिए कि अब ये नई चारा नीति प्रदेश के लाखों पशुपालकों के लिए संजीवनी साबित होगी
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