Harsil king Wilson : रस्किन बांड भी नहीं लिख सके हर्षिल के राजा की दास्तान !

देहरादून से अनीता आशीष तिवारी की रिपोर्ट –

Harsil king Wilson फ्रेडिरक ई विल्सन को उत्तराखंड में गंगोत्री के पास के एक गांव हर्षिल के लोग राजा हेलसिंग कहते थे। उसने हर्षिल पर राज किया। वहां हिमालय के देवदार पेड़ का व्यापार कर उसने अकूत धन कमाया और राजा बन गया। वहीं एक पहाड़ी औरत गुलाबी से शादी रचायी और परिवार बसाया। जीवन भर वह हर्षिल का राजा रहा और अपना सिक्का भी जारी किया। उसपर टिहरी गढ़वाल के राजा का कोई नियंत्रण नहीं था क्योंकि विल्सन खुद बहुत शक्तिशाली हो गया था।

 

एलबीएस एकेडमी में है हर्षिल के राजा की कब्र Harsil king Wilson

Harsil king Wilson

मंसूरी में चार्ली विला होटल बनाया था

जिसमें लाल बहादुर शास्त्री एकेडमी है। मसूरी में ही उसकी कब्र है। हालांकि although उसकी कहानी का बयां रस्किन बांड ने करना चाहा लेकिन उन्होंने किताब का पहला अध्याय लिखने के बाद छोड़ दिया। लेकिन but रस्किन के अनुसार इसका कारण यह था कि विल्सन के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। फिर भी रिसर्च से जो थोड़ी-बहुत जानकारी उसके बारे में है, उसे हम साभार संक्षेप में यहां बता रहे हैं।


विल्सन  गढ़वाल कैसे पहुंचा, इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन but कहा जाता है कि वह ब्रिटिश आर्मी छोड़कर भागा था और छुपने के लिए गढ़वाल के दूरदराज इलाके में भागीरथी नदी किनारे बसे एक गांव हर्षिल में उसने अपना डेरा जमाया और वहीं का होकर रह गया। दरअसल actually हर्षिल गांव वही जगह है जहां राज कपूर के ‘राम तेरी गंगा मैली’ की शूटिंग हुई थी। इसी हर्षिल में वह झरना है जिसका का नाम पड़ गया मंदाकिनी झरना ।


हर्षिल गांव में जब भी विल्सन अपनी बंदूक लेकर इधर-उधर शिकार के लिए निकलता, गांव वाले डर जाते। लेकिन but विल्सन ने पहले हिरणों का शिकार कर उसके खाल और कस्तूरी को लंदन के एक कंपनी को बेचा। इस काम में उसने कुछ गांव वालों को भी अपने साथ रखा और काम सिखाया। हालांकि although उसके बाद उसकी नजर हिमालय के देवदार पेड़ पर पड़ी।


विल्सन ने लकड़ियों को बेचने का अनोखा तरीका अपनाया। वह लकड़ियों को काटता और भागीरथी नदी के तेज धारा में छोड़ देता। उसके आदमी फिर उन लकड़ियों को नीचे मैदानी भाग में पहुंचने पर निकाल लेते थे। विल्सन को इस व्यापार में अकूत धन मिलने लगा। पहले तो उसने टिहरी-गढ़वाल राजा से देवदार काटने की अनुमति नहीं ली थी। लेकिन,but  बाद में उसने गढ़वाल के राजा को उसका हिस्सा देकर अनुमति ले ली थी।

विल्सन ने अंधाधुंध देवदार काटे और कम समय में ही वह अथाह धन कमाकर हर्षिल का शक्तिशाली राजा बन गया जिस पर टिहरी गढ़वाल के राजा का भी नियंत्रण नहीं था। उसने हर्षिल  को लोगों को अपना गुलाम बनाया। उन पर मनमाने ढंग से राज किया। लेकिन but कहानी तब रोचक हुई जब वहां उसने अपना सिक्का भी चलवाया। हालांकि although बाद में विल्सन ने एक पहाड़ी औरत गुलाबी से शादी की और परिवार बसाकर जीवन भर राज किया।

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