माता सीता का ये रहस्य क्या आप जानते हैं ? Ayodhya Ram Secrets

इसी दौरान महर्षि अत्री की पत्नी माता अनुसुइया ने जानकी जी को पतिव्रत धर्म की दीक्षा दी। साथ ही वनवास की कठिनाइयों के विषय में भी अवगत कराया। इसके बाद माता अनुसुइया ने सीता जी को दिव्य आभूषण और वस्त्र उपहार स्वरूप दिए। साथ ही कहा कि हे पुत्री सीते यह वस्त्र भविष्य में आपके बहुत काम आएंगे। क्योंकि भविष्य में ऐसा समय आने वाला है जब आप कई -कई दिनों तक स्नान नहीं कर पाएंगे, इसलिए आप इन वस्त्र और आभूषणों को धारण कर लीजिए।

इन वस्त्रों को धारण करने से आपका रूप और सौन्दर्य ऐसे ही बना रहेगा और ये वस्त्र कभी गंदे नहीं होंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि ये वस्त्र ना तो भविष्य में फटेंगे और नहीं किसी भी रुप से विकृत होंगे। मां अनुसुइया के ऐसा कहने पर माता सीता ने उन वस्त्रों को धारण कर लिया। मान्यता है कि ये वस्त्र माता अनुसुइया को देवताओं से प्राप्त हुए थे। साथ ही माता अनुसुइया को पांच पतिव्रता स्त्रियों में से एक माना जाता है और देवताओं के साथ ही भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा जी भी उन्हें माता ही मानते थे और उनका आदर करते थे।