nidhivan mystery : रहस्यमयी प्रेम की अनसुलझी रात की बात !

nidhivan mystery  आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मथुरा के वृंदावन के निधिवन के वृक्ष नृत्य भी करते हैं। आपको हमारी बात पर विश्वास न हो, लेकिन यह वर्षों का पुराना रहस्य आज भी अनसुलझा है। कहते हैं कि हर रात इस निधिवन के तुलसी के वृक्ष भगवान श्री कृष्ण की गोपियाँ बन उनकी रास लीला में हिस्सा लेते हैं और एक दूसरे के साथ झूम-झूम के नृत्य करते हैं और प्रातः काल की बेला में पुनः वृक्ष बन जाते हैं। जी हाँ, यह भगवान कृष्ण की धरती वृंदावन हैं। जिस भूमि का ऐसा प्रताप है़ कि यहाँ  स्थित निधिवन के पेड़-पौधे भी  रहस्यमय ढंग से प्रभु भक्ति में लीन हो जाते हैं। लोग-बाग इस निधि वन के ऐसे किस्से सुनाते हैं जो बड़े रहस्यमयी लगते हैं। कोई कहता है़ कि इस निधिवन में रात के समय में वंशी की ध्वनि सुनाई देती है़।

निधिवन में कृष्ण और राधा के प्रेम का रहस्य  nidhivan mystery

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ऐसा लगता है़ कि भगवान श्री कृष्ण स्वयं वंशी बजा रहें हों। तो कुछ लोगों का कहना है़ कि इस निधिवन में आधी रात्रि के पश्चात कहीं से मोर आ जाते हैं। लेकिन अब जो बात हम आपको बताने जा रहें हैं वह बहुत आश्चर्य चकित कर देने वाली हैं। लोगों का ऐसा मानना है़ कि अर्ध रात्रि के पश्चात स्वयं मुरलीधर भगवान श्री कृष्ण इस निधिवन में  प्रकट होते हैं और उनके साथ होतीं हैं उनकी प्रिया राधा। इस निधिवन में भगवान श्री कृष्ण वंशी बजाते हैं जिसकी धुन में मस्त होकर राधा रानी सहित सैकड़ों गोपियाँ नृत्य करने लगती हैं। ऐसा कहा जाता है़ कि यह गोपियाँ कोई और नहीं बल्कि इस निधिवन के तुलसी के वृक्ष हैं जो भगवान के  चमत्कार से वृक्ष से मानव रूप धारण कर लेते हैं। ऐसा भी कहा जाता है़ कि इस निधिवन में वंशी बजाने के उपरांत भगवान श्री कृष्ण इस निधिवन में स्थित रंग महल में शयन करते हैं।


इस मथुरा के वृंदावन में निधिवन का यह चमत्कार सदियों से चर्चा का विषय है़। यहाँ हर रात्रि, रंग महल में भगवान कृष्ण के शयन के लिए बिस्तर बिछाया जाता है़ और रंग महल के द्वार बंद कर दिए जाते हैं। सुबह के समय द्वार खोलने पर ऐसा आभास होता है़ कि किसी ने इस बिस्तर पर शयन किया हो। निधिवन में रात्रि के समय भगवान कृष्ण के आगमन के दृश्य को देखने के लिए जिसने भी कपट पूर्ण तरीके से प्रयास किया वो व्यक्ति अंधा, गूंगा और बहरे हो गया। संभवतः इस निधिवन के तुलसी वृक्ष, यहाँ के अदभुत रहस्य को रहस्य ही बनाये रखना चाहते हैं, वो नहीं चाहते कि निधिवन का रहस्य पूरी दुनिया के सामने प्रकट हो।


निधिवन में है भगवान कृष्ण की अनुभूति
अब भगवान स्वयं वंशी बजाते थे और उसको मंत्र मुग्ध होकर राधा और गोपियाँ सुनती थीं। आज भी इस निधिवन के परिसर में संगीत सम्राट स्वामी हरिदास की समाधि है। जो भगवान श्री कृष्ण और उनके इस निधिवन से जुड़ाव का साक्षी है़। इस निधिवन में भगवान श्री कृष्ण का धाम, रंग महल श्रद्धा, भक्ति और रहस्यमय कहानियों के रंगों से रंगा हुआ है़।जहाँ हर ओर भगवान श्री कृष्ण की उपस्थिति का आभास होता है़। यहां इस मंदिर का एक रहस्यमय सच यह भी है कि यहाँ भगवान के मंदिर में दातून रखने पर वह सुबह गीली मिलती है़। इस निधिवन में होने वाले चमत्कारों को भगवान की माया जानकर मंदिर के पुजारियों और यहाँ आने वाले भक्त कभी इस स्थान का रहस्य जानने का प्रयास नहीं करते, क्योंकि ऐसा करना उनके लिए कष्टकारी हो सकता है़।
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