women called Lakshmi मां लक्ष्मी (Maa Laxmi) को हिंदू धर्म Hindu Dharm में धन-वैभव की देवी कहा जाता है. मान्यता है कि जहां लक्ष्मी का वास होता है, वहां कभी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता और भौतिक सुख-सुविधाओं की कमी नहीं रहती.यही कारण है कि लोग मां लक्ष्मी की पूजा केवल घर पर ही नहीं बल्कि अपने कार्यक्षेत्र (Workplace) पर भी करते हैं, जिससे उनके नौकरी-व्यवसाय में भी आर्थिक तरक्की होती रहे. हिंदू धर्म में तो स्त्रियों (Stree) को देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है. इसलिए जब भी घर पर कन्या का जन्म होता है तो लोग कहते हैं- मुबारक हो..लक्ष्मी आई है.
औरत को घर की लक्ष्मी क्यों कहते है ? women called Lakshmi


स्त्रियों को क्यों कहा जाता है लक्ष्मी (Why are women called Lakshmi)
मां लक्ष्मी केवल धन की देवी ही नहीं है. बल्कि उनके पास अपार शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) का भंडार है. लक्ष्मी जी को ब्रह्मांड की ऊर्जा माना गया है. इसलिए हिंदू धर्म में स्त्रियों को लक्ष्मी समान कहने के पीछे का अर्थ यह है कि, जिस तरह मां लक्ष्मी में सकारात्मकता है उसी तरह बेटी के जन्म होने या नई बहु के आने पर घर पर भी सकारात्मक ऊर्जा आती है. इसलिए सनातन धर्म (Sanatan Dharm) में स्त्रियों को दैवीय महत्व दिया गया है.

शुक्रवार के दिन ही मां लक्ष्मी की पूजा क्यों ? (Shukrawar Lakshmi ji puja)
वैसे तो नियमित रूप से मां लक्ष्मी पूजा (Maa Laxmi puja) हर घर पर की जाती है. लेकिन शास्त्रों (Shastra) में सभी देवी-देवताओं के लिए विशेष वार समर्पित है. देवियों की पूजा के लिए शुक्रवार का दिन समर्पित है. इसलिए शुक्रवार के दिन मां संतोषी, मां दुर्गा, वैभव, महालक्ष्मी समेत शुक्र ग्रह (Venus) की पूजा का भी विधान है. यही कारण है कि शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी और उनके स्वरूपों की पूजा के लिए शुभ माना गया है और इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा-व्रत का विधान है.