Rental Parents : इनको चाहिए मम्मी , वो भी असली

Rental Parents आपने अपने आस पास ऐसे परिवार ज़रूर देखे होंगे जो कामकाज की वजह से घर में बच्चों की देखभाल के लिए आया मतलब केयरटेकर रखते हैं। दिन भर बच्चे के सग रहकर उसकी देखभाल करना ही काम होता है। लेकिन आपको इसके आगे की बात बताएँगे तो आप अचरज में पड़ जायेंगे। किसी भी विकासशील या विकसित देश में काम करने वाले युवाओं में महिलाओं की भागीदारी जब तक समान नहीं होती, तब तक अर्थव्यवस्था ऊपर नहीं जा सकती. हालांकि ज्यादातर जगहों पर महिलाएं बच्चों के पालन-पोषण के लिए अपनी नौकरी छोड़ देती हैं. इसकी वजह सिर्फ और सिर्फ ये है कि बच्चों को देखने वाला कोई नहीं मिल पाता और उनकी परवरिश पर असर पड़ता है.


माता-पिता ढूंढते हैं ‘प्रोफेशनल पैरेंट’ Rental Parents



वर्किंग पैरेंट्स की इस बड़ी समस्या का हल प्रोफेशनल नैनी या डेकेयर होते हैं. जब वे दफ्तर में होते हैं, तो बच्चे को यहीं छोड़कर जाते हैं. हालांकि दिक्कत ये है कि यहां बच्चे की देखभाल तो होती है, लेकिन माता-पिता वाला इमोशनल सपोर्ट नहीं मिलता. ऐसे में अब खुद माता-पिता प्रोफेशनल पैरेंट ढूंढ रहे हैं, जो बच्चों को हर वो काम करें, जो खुद माता-पिता को करना होता है.


चीन में इस वक्त एक अलग ही चलन है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक यहां पर अमीर माता-पिता अपने ही बच्चों को खुद नहीं पाल पा रहे हैं. वे चाहते हैं कि कोई ऐसा शख्स उनके बच्चे पाले, जो उन्हें बिल्कुल मां-बाप जैसा ही प्यार-दुलार दे. उन्हें ट्यूशन ले जाए, ज़रूरत पड़े तो डॉक्टर के पास ले जाए, उनके साथ खेले, एक्टिविटी करे और उनकी भावनात्मक जरूरतों का भी ख्याल रखे. इस नौकरी को चाइल्ड कंपेनियन की नौकरी कहा जा रहा है, जिसके ज़रिये पढ़े-लिखे युवा आराम से डेढ़ से तीन लाख तक की रकम महीना कमा रहे हैं. बस ज़रूरत है तो अच्छी एजुकेशन और बच्चों की मानसिक स्थिति ध्यान में रखने की.

नैनी नहीं हमें मम्मी चाहिए !
वैसे ये काम नैनी भी कर सकती है, लेकिन अमीर मां-बाप को अपने बच्चों की ज़िंदगी में खुद का ही रिप्लेसमेंट चाहिए. वे इसके लिए हावर्ड, कैम्ब्रिज, सिंघुआ और पेकिंग यूनिवर्सिटी से पढ़े-लिखे चाइल्ड कंपेनियन चाहते हैं, जो बच्चों को तौर-तरीके भी सिखाएं और उन्हें अच्छी एजुकेशन भी दे सकें. ये सर्विस चीन में घंटों, दिनों और लिव इन भी मिल रही है, जिसके अलग-अलग रेट फिक्स हैं. अंदाज़े के मुताबिक इस काम के लिए पैरेंट्स 1.5 लाख से लेकर 3.5-4 लाख तक प्रति महीना देने को तैयार हैं. प्रोफेशन मम्मियों की हायरिंग सोशल मीडिया से लेकर एजेंसी तक से हो रही है.

ओ तेरी! पिट गए SDM साहब , देखें वीडियो https://shininguttarakhandnews.com/patna-viral-video-sdm-lathicharge/

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