PGI चंडीगढ़ के सबसे बड़े स्वास्थ्य शिक्षण संस्थान पीजीआई में लोअर डिविजन क्लर्क व लैब सहायक के पद पर नौकरी दिलवाने के नाम पर करीब एक दर्जन लड़कियों के साथ लाखों रुपये की धोखाधड़ी हुई है। एक युवक ने लड़कियों को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर तक दे दिए। जब लड़कियां पीजीआई में ज्वाइनिंग के लिए पहुंची तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। पुलिस ने आरोपी से व्हाट्सएप कॉल के जरिए बातचीत की तो उसने जांच अधिकारी को भी पैसे वापस देने का झांसा दे दिया। इसके बाद अब पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी रोहित निवासी सेक्टर-25 के खिलाफ सेक्टर-17 थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
सेक्टर-24 निवासी मुकेश कुमार ने बताया कि वह चंडीगढ़ में ही एक सरकारी विभाग में नौकरी करता है। वर्ष 2024 में लोकसभा चुनावों के दौरान उसकी बहन ने उसे कहा कि उसकी एक दोस्त का दोस्त रोहित है जो सरकारी नौकरी लगवा सकता है। इस समय पीजीआई में कई विभागों में नौकरी निकली हुई है। मुकेश ने बहन से रोहित का नंबर लेकर उससे बातचीत की तो उसने बताया कि वह धनास का रहने वाला है और खुद भी पीजीआई में एक अच्छे पद पर नौकरी करता है। रोहित ने विश्वास दिलवाने के लिए उसने उसे अपना आधार कार्ड भी भेज दिया जिस पर धनास स्मॉल फ्लैट का पता दिया हुआ था। युवक ने कहा कि वह एलडीसी या फिर लैब सहायक के पद पर नौकरी लगवा देगा, लेकिन उसके लिए करीब 50 हजार रुपये का खर्च आएगा। रोहित के कहने के मुताबिक मुकेश ने उसके खाते में 30 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए और बकाया जॉइनिंग के बाद देने की बात कही।विज्ञापन
पैसे लेने के बाद भेज दिया फर्जी जॉइनिंग लेटर PGI
रोहित ने मुकेश को एक जॉइनिंग लेटर भेज दिया और कहा कि ठेकेदार जॉइनिंग से पहले पूरी पेमेंट के लिए कह रहा है। ऐसे में मुकेश ने उसे अपनी बहन से 10 हजार रुपये और ट्रांसफर करवा दिया। बकाया 10 हजार जॉइनिंग होने के बाद ही देने की बात कही। लेकिन कुछ दिन बाद जब मुकेश की बहन पीजीआई में पहुंची तो वहां उसे आठ से 10 अन्य युवतियां भी मिलीं और उन्होंने जॉइनिंग के लिए रोहित को फोन किया, लेकिन उसका नंबर स्विच ऑफ आया। इसके बाद युवतियों ने जब एडमिन ब्लॉक में जाकर जॉइनिंग के बारे में बातचीत की तो पता चला कि रोहित नाम का ऐसा कोई युवक वहां नौकरी नहीं करता है और न ही ऐसी कोई नौकरी पीजीआई में निकली है।
फर्जी निकला आरोपी का धनास पते का आधार कार्ड
नौकरी के नाम पर करीब एक नहीं बल्कि करीब एक दर्जन युवतियों से नौकरी के नाम पर ठगी की गई है। आरोपी को युवतियों ने 40 से एक लाख रुपये तक कुल छह से आठ लाख रुपये ट्रांसफर किए। इसके बाद पीड़ित युवतियों ने रोहित को लगातार फोन किए तो नंबर बंद आया, लेकिन वह व्हाट्सएप के जरिए बात करता रहा। पीड़ितों ने उससे बातचीत की तो उसने बताया कि वह दिल्ली आया हुआ है और वापस आकर सबके पैसे वापस कर देगा। इसके बाद पीड़ित आरोपी के आधार कार्ड वाले धनास के पते पर पहुंचे तो वहां कोई और परिवार रह रहा था। रोहित का आधार कार्ड भी फर्जी निकला। इस बारे में पुलिस को शिकायत दी गई तो जांच अधिकारी ने भी आरोपी युवक से व्हाट्सएप के जरिए बातचीत की लेकिन उसने पुलिसकर्मी को भी दिल्ली से वापस आकर मिलने का झांसा देकर व्हाट्सएप नंबर भी बंद कर दिया। पीड़ितों ने युवक का असली पता निकाला तो वह सेक्टर-25 का निकला जहां उसके घर में माता-पिता मिले। उन्होंने बताया कि रोहित को करीब एक-डेढ़ साल पहले ही घर से निकाल दिया था और वह यहां नहीं रहता है। पुलिस आरोपी रोहित के खिलाफ धोखाधधड़ी का केस दर्ज उसकी तलाश कर रही है।