Amazing Facts : उधार वापसी के बहानों पर गजब का सर्वे

Amazing Facts भाई बड़ी मुसीबत में हूँ कुछ उधार दे दे ….. दोस्त मेरी सेलेरी अटक गयी है घर में तंगी आ गयी है कुछ समय के लिए थोड़े पैसे उधर दे दो … ज़ाहिर सी बात है दोस्त ने मदद मांगी  हैं तो मुसीबत में काम भी आना है , मदद भी करनी है। फटाफट आपने जितना सम्भव था पैसे उधार दे दिए लेकिन उसके बाद क्या ?

Amazing Facts
दोस्ती में भरोसा होता है, साथ होता है और कई बार… उधार भी होता है. लेकिन, जब बात पैसे लौटाने की आती है, तो भरोसे की जगह बहाने आ जाते हैं और साथ की जगह Seen लिखा हुआ आखिरी मैसेज. हाल ही में किए गए एक पोल ने इस खौफनाक ट्रेंड को उजागर किया है कि ज्यादातर दोस्ती की कश्ती वहीं डूब जाती है, जहां पैसे की बात शुरू होती है.

पैसे वापस मांगना, अब रिश्तों पर भारी पड़ने लगा है Amazing Facts

Pubity नामक सोशल मीडिया चैनल पर किए गए एक सर्वे के मुताबिक, 73% लोगों ने स्वीकार किया कि उन्होंने जो पैसा दोस्तों को उधार दिया था, वह कभी लौटकर नहीं आया. केवल 27% लोग ही ऐसे थे जिन्होंने दावा किया कि उनका पैसा उन्हें मिल गया. यानी अगर आपने भी कभी “भाई कल ट्रांसफर कर दूंगा” सुना है, तो आप अकेले नहीं हैं—आप उस 73% क्लब के सदस्य हैं जिन्हें उधारी पर पछतावा मिला है.

बहाने और ‘Seen’ में छिपा है धोखा

पोल के बाद आए जवाबों ने साफ किया कि पैसे मांगने पर शुरुआती बहानों में “salary आने दो”, “भाई याद दिला देना” या “आज ही ट्रांसफर करता हूं” जैसी बातें मिलती हैं. लेकिन कुछ हफ्तों बाद वही चैट थ्रेड सिर्फ एक शब्द में बदल जाता है—“Seen”. और फिर… न पैसा मिलता है, न दोस्ती की गरमाहट बचती है.

पैसे की मार से टूटी दोस्तियां

रिपोर्ट में ऐसे कई अनुभव सामने आए जहां उधार का पैसा कभी नहीं लौटा, लेकिन उसके बदले में दोस्ती जरूर चली गई. लोगों ने यह भी बताया कि उन्होंने अब किसी को भी पैसा देना लगभग बंद कर दिया है, चाहे वो स्कूल टाइम का सबसे करीबी दोस्त ही क्यों न हो.

क्या दिल और बैंक बैलेंस साथ निभ सकते हैं?

इस पोल के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई—क्या दोस्ती और पैसा साथ चल सकते हैं? क्या रिश्ते दिल से निभाए जाएं या डिजिटल बैंकिंग लॉजिक से?

अब उधार नहीं, टर्म्स एंड कंडीशंस के साथ मदद करें

इस पूरे सर्वे का एक साफ संदेश है—पैसा देने से पहले भावना नहीं, समझदारी से काम लें. अगर उधार देना ही है तो पहले Return Date, पक्का सबूत, और कभी-कभी तो UPI स्क्रीनशॉट भी सुरक्षित रख लें. अब दोस्ती बचानी है तो शायद “No-Credit Policy” अपनानी ही होगी.

अगर आपका पैसा लौट आया, तो आप वाकई लकी हैं!

अगर आप उन 27% खुशनसीबों में से हैं जिन्हें उनका पैसा वापस मिल गया, तो खुद को यूनिवर्स का विशेष प्राणी समझिए, क्योंकि इस दुनिया में दोस्ती की EMI अक्सर बिना रिकवरी एजेंट के ही Default हो जाती है.