Apple Farming उत्तराखंड की जलवायु कीवी, अखरोट, नाशपाती,प्लम, खुमानी और पैशन फ्रूट की खेती के लिए अनुकूल है। इन फलों के उत्पादन के लिए चम्पावत क्षेत्र उपुयक्त माना जाता है। यहां के सेब अपनी गुणवत्ता, स्वाद व पोषण तत्वों के लिए देशभर में प्रसिद्ध हैं। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में हिमाचल और कश्मीर की तर्ज पर सेब की खेती हो रही है. जिससे सेब की खेती कर रहे किसामों की आमदनी में अच्छी-खासी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है.मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जनपद उत्तरकाशी एवं देहरादून के सेब उत्पादक किसानों को उत्तराखण्ड़ के सेब की विशिष्ट पहचान दिलाने तथा सेब की बेहतर पैकेजिंग के लिये कार्टन का वितरण शुरू कर दिया गया है।
सेब की बेहतर पैकेजिंग के लिये कार्टन का वितरण शुरू Apple Farming
कृषकों के सेब उत्पाद को उत्तराखण्ड ब्राण्ड के यूनिवर्सल कार्टन/कोरोगेटेड फाइबर बोर्ड बॉक्स (सी०एफ०बी०) मय एप्पल ट्रे में विक्रय करते हुए उत्तराखण्ड में उत्पादित सेब को विशिष्ट पहचान दिलाने तथा कृषकों को उनके उत्पाद का अधिक मूल्य प्रदान कराने के उद्देश्य से जनपद उत्तरकाशी के कृषकों की 3.85 लाख यूनिवर्सल कार्टन की मांग तथा जनपद देहरादून के कृषकों की 0.75 लाख यूनिवर्सल कार्टन की मांग सूचीबद्ध फर्मों/कम्पनियों को उपलब्ध कराते हुए उद्यान सचल दल केन्द्रों के माध्यम से कृषकों में वितरण का कार्य प्रारम्भ किया गया है।
प्रदेश के कृषकों/सेब उत्पादक अब उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा संचालित राज्य सैक्टर की उत्तर फसल प्रबन्धन योजनान्तर्गत 50 प्रतिशत राजसहायता पर यूनिवर्सल कार्टन प्राप्त कर अपने उत्पाद का अधिक मूल्य प्राप्त करेेंगे तथा उत्तराखण्ड के सेब उत्पाद को विशिष्ट पहचान दिलाने में अपना अहम सहयोग प्रदान कर सकेंगे।
उत्तराखंडी सेबों की बेहतरीन पैकेजिंग के निर्देश
उत्तराखण्ड में जैविक कृषि तथा बागवानी की अपार संभावनाएं हैं, राज्य में बागवानी के समुचित विकास के लिये नीति बनाई गई है, सरकार बागवानी को निरंतर बढ़ावा दे रही है। राज्य सरकार द्वारा बागवानी के क्षेत्र में सेब की खेती को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य में सेब उत्पादन तथा सेब उत्पादक किसानों को सेब के उत्पादन तथा सेब के उचित मूल्य प्राप्त कराये जाने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है।
उत्तराखंड में सेब उत्पादन एवं सेब उत्पादकों को बढ़ावा देने के लिए सरकार समय-समय पर हर तरह से प्रयासरत रहती है। ताकि सेब उत्पादन क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया जा सके और उद्यानपतियों की आर्थिकी मजबूत हो सके।उत्तराखंड में सेब का सबसे अधिक उत्पादन उत्तरकाशी जिले में होता है। उत्तरकाशी जिले के हर्षिल नामक जगह का सेब बहुत प्रसिद्ध है। इसके अलावा पिथौरागढ़, नैनीताल, चमोली व देहरादून के ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्र में भी सेब का उत्पादन होता है। उत्तराखंड का सेब उत्पादन में देश में तीसरा स्थान है।
मुक्तेश्वर, रामगढ़ के आसपास के गांवों में सेब की खेती को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. नैनीताल जिले में करीब साढ़े पांच सौ हेक्टेयर इलाके में लगभग दो हजार मीट्रिक टन सेब का उत्पादन होता रहा है. यहां पहले भी रॉयल डिलेसियस, रायमर, फैनी और अन्य पारंपरिक किस्मों के सेबों की पैदावार हुआ करती थी. अब यहां किंग रॉट, गाला, स्कारलेट, ग्रीन स्मिथ आदि आधुनिक किस्में भी तैयार हो रही है.