Married Life शादी के बाद हर किसी की जिंदगी में कई बदलाव आते हैं.क्योंकि शादी के बाद दोनों के लिए ही जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं. घर, बजट, परिवार और भविष्य की योजना पर ध्यान दिया जाता है. इससे रिश्ते में गंभीरता आती है. अब रिश्ता सिर्फ दोनों लोगों के बीच नहीं, बल्कि दो परिवार के बीच भी जुड़ जाता है. कभी-कभी दोनों परिवारों की राय और समय देना जरूरी होता है.
जानते हैं शादी के बाद के 6 स्टेज के बारे में Married Life
लव स्टेज
शादी के बाद शुरुआत में एक दूसरे को समझना और पार्टनर के कम मजेदार चुटकुलों पर भी हंसना, गलतियां प्यारी लगना और पार्टन के बिना कहीं न जाना ये सब देखने को मिलता है. इस स्टेज में कपल एक दूसरे को और करीब से जानने की कोशिश करते हैं. एक साथ ज्यादा समय बिताते हैं. हर चीज नई होती और दोनों ही पार्टनर एक दूसरे को खुश रखने का प्रयास करते हैं. इस समय प्यार, लगाव और फिजिकल रेलेशनशिप सबसे ज्यादा होती है. यह स्टेज कुछ महीनों से लेकर एक या दो साल तक चलती है.
असल मुश्किलों का सामना
शादी की पहली स्टेज के बाद धीरे-धीरे जिंदगी में असल मुश्किलें सामने आती हैं. अब पार्टनर एक-दूसरे की आदतों, कमियों और व्यवहार को असली रूप में देखने लगते हें. रोजमर्रा के काम, परिवार की जिम्मेदारियां और फाइनेंशियल कंडीशन को स्वीकार करना शुरू हो जाता है. कुछ लोगों का रिश्ता इस दौरान थोड़ा फीका पड़ने लगता है. यह दौर कच्चा और नाजुक होता है. बातचीत गहरी, कभी-कभी भारी टोन में हो जाती है, पार्टनर की ईमानदारी का पता चलता है. सच्चे रिश्तों की शुरुआत तब होती है, जब एक दूसरे को जैसे वह हैं वैसे ही अपनाया जाता है.
एडजस्टमेंट की स्टेज
यह स्टेज सबसे मुश्किल होती है. यहां ज्यादातर कपल्स के रिश्ते लड़खड़ाते हुए नजर आते हैं. क्या वाकई साथ रहना सही है? एक दूसरे के साथ हुए मतभेद व्यक्ति को निराश करते हैं और शादी के बाद के सपने संदेह में बदल जाते हैं. बहसें ज्यादा तीखी होनें लगती हैं. कामकाज, पैसे या ससुराल वालों को लेकर होने वाले छोटे-मोटे झगड़ें अचानक से बहुत ज्यादा बड़े होने लग जाते हैं. क्योंकि यह दोनों के लिए बिल्कुल नया होता है. कुछ दीवारें रिश्ते में आने लगती हैं. निराशा धीरे-धीरे बढ़ने लगती है. कुछ छोटे झगड़े अचानक से बड़े होने लगते हैं. कई रिश्ते यहीं हार मान जाता हैं और प्यार खत्म होने की तादा पर आ जाता हैं. लेकिन अगर एक दूसरे का साथ दिया जाए, तो इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है. इसके लिए एक दूसरे को समझना और साथ दोनों का साथ जरूरी है.
एक दूसरे का साथ देना
अगर आपका रिश्ता सही चल रहा होता है. तो वह इस स्टेज में एक दूसरे को बदलने की कोशिश करना बंद कर देते हैं और साथ मिलकर आगे बढ़ना सीखते हैं. सीमाएं तय करते हैं और बातचीत बेहतर होती है. आप समझने लगते हैं कि प्यार का सही अर्थ सुधारना नहीं, बल्कि पार्टनर को वह जैसा है वैसे की स्वीकार करना है. सभी मुश्किलों के बाद भी एक दूसरे का साथ चुनते हैं. प्यार में घबराहट कम और विश्वास, स्थिरता और साझेदारी के छोटे-छोटे प्रयास फिर से शुरु हो जाते हैं.
मैच्योरिटी और गहराई
अब पार्टनर एक दूसरे के साथ में कई पड़ाव पार कर चुके होते हैं. झगड़े, बीमारी, स्ट्रेस और डर के बाद रिश्ता गहरा होता जाता है. गहरे प्यार की शुरुआत होती है. यह जानकर सुकून मिलता है कि अब आपको दिखावा करने की जरूरत नहीं है. क्योंकि एक दूसरे पर विश्वास हो जाता है. आप एक दूसरे के साथ जिंदगी में आने वाले तूफानों का सामना कर पाते हैं.
गोल्डन आर ऑफ रिलेशनशिप
गोल्डन आर ऑफ रिलेशनशिप यह वह स्टेज है जिसमें दोनों पार्टनर एक दूसरे के साथ कई मुश्किलों का सामना कर चुके होते हैं और आगे की लाइफ एक दूसरे के भरोसे बिताते हैं. जिंदगी धीमी हो सकती है, बच्चे बड़े हो सकते हैं, लेकिन साथ मजबूत रहता है. इस समय एक दूसरे के साथ नॉर्मली समय बिताना चाय पीना, शाम की सैर और शांति से जीवन जिया जाता है. यह वह समय हैं जो एक दूसरे पर विश्वास करने और खामियों का अपनाने के बाद आता है यह जानते हुए कि खामियों के साथ भी, यह प्यार समय की कसौटी पर खरा उतरा है.