पूजा-पाठ के दौरान प्रसाद या भोग चढ़ाने की परंपरा महत्वपूर्ण होती है. पूजा में देवी-देवताओं को भोग लगाने की परंपरा प्राचीन समय से ही चली आ रही है. आमतौर पर लड्डू, बताशे, पेड़े, मेवे, फल आदि का भोग लगाया जाता है. लेकिन देश में कुछ ऐसे मंदिर हैं जहां देवी को पारंपरिक खीर-पूड़ी, हलवा या लड्डू-पेड़ा नहीं, बल्कि पिज्जा, सैंडविच, बर्गर, पानी-पुरी और कोल्ड्रिंग जैसी चीजों का भोग लगाया जाता है.
आपको भले ही सुनने में यह अजीब लगे, लेकिन श्रद्धालु इसे देवी की अनूठी लीला मानते हैं. भारत में ऐसे एक नहीं बल्कि कई मंदिर हैं, जहां यूनिक तरीके के भोग लगते हैं. फिलहाल बात करते हैं राजकोट के रापूताना में जीविका माताजी मंदिर और तमिलनाडु चेन्नई के पड़प्पाई स्थित जय दुर्गा पीठम मंदिर के बारे में. राजकोट के रापूताना में जीविका माताजी मंदिर और तमिलनाडु चेन्नई के पड़प्पाई स्थित जय दुर्गा पीठम मंदिर. ये दोनों ही मंदिर भक्तों के लिए गहरी आस्था का केंद्र माना जाता है.

बच्चों के लिए चढ़ाए जाते हैं ये प्रसाद Amazing Temples
रापूताना में जीविका माताजी का मंदिर लगभग 65-70 वर्ष पुराना है. यहां भक्त अपने बच्चों की लंबी उम्र की कामना के लिए आते हैं. मंदिर के आचार्य बताते हैं कि, पहले के समय में मंदिर में केवल श्रीफल (नारियल) और साकार प्रसाद ही चढ़ाया जाता है. लेकिन बच्चों को भाने के लिए अब ये व्यंजन भी चढ़ाए जाते हैं. साथ ही मंदिर की दान राशि भी सामाजिक कार्यों के लिए खर्च की जाती है. यही कारण है कि यहां लोग स्वयं दान देते हैं और बच्चों के लिए बर्गर, सैंडविच, पिज्जा जैसी चीजें भी अर्पित करते हैं.

मॉर्डनाइज किया गया मंदिर और प्रसाद
बात करें चेन्नई के पड़प्पाई में स्थित जय दुर्गा पीठम मंदिर के बारे में तो, यहां भी भक्त पिज्जा, बर्गर, सैंडविच जैसी चीजें चढ़ाई जाती है. इस मंदिर की स्थापना हर्बल ऑन्कॉलॉजिस्ट के. श्री श्रीधर ने की है. मंदिर के प्रसाद के मैन्यू को मोर्डनाइज करने का कारण यह बताया जाता है कि, अनोखे प्रसाद के कारण ही मंदिर में दूर-दूर से टूरिस्ट आते हैं. साथ ही भक्त यहां अपनी जन्मतिथि भी दर्ज करा सकते हैं. इसके बाद जन्मदिन पर उन्हें केक का प्रसाद भी दिया जाता है. हालांकि सभी प्रसाद पूरी तरह से पवित्र भाव से और पवित्र रसोई में बनाए जाते हैं और भगवान को भी अर्पित किया जाता है. इतना ही मंदिर में चढ़ाया जाने वाला प्रसाद FSSAI से प्रमाणित होता है.

