beads in mangalsutra हिन्दू धर्म में सुहागिन स्त्रियों द्वारा मंगलसूत्र पहनने की परंपरा है। मंगलसूत्र न सिर्फ सुहाग की निशानी माना जाता है बल्कि इसका ज्योतिषीय महत्व भी है। इसके अलावा, मान्यता है कि मंगलसूत्र धारण करने से महिलाओं को कई प्रकार के अध्यात्मिक एवं स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं।मंगलसूत्र की बनावट पर ध्यान दिया जाए तो यह मुख्य रूप से काले और पीले रंग का होता है। यानी कि काले धागे पर कुछ काले मोती और कुछ स्वर्ण मोती पिरोने के बाद मंगलसूत्र बनता है। हालांकि कई स्थानों पर पूर्ण रूप से काले मोतियों से निर्मित मंगलसूत्र पहना जाता है जबकि काले रंग को अशुभ मानते हैं।
काले मोती राहु के दुष्प्रभाव कम करते हैं beads in mangalsutra

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि आखिर क्यों होते हैं मंगलसूत्र में काले मोती ? क्या है इन मोतियों का महत्व एवं इनका सुहागिन पर प्रभाव ? सोना बृहस्पति यानी कि गुरु ग्रह का प्रतीक माना जाता है। साथ ही, सोने को हिन्दू धर्म में पवित्र धातु के रूप में मान्यता प्राप्त है। ऐसे में मंगलसूत्र में सोना इसलिए प्रयोग किया जाता है ताकि गुरु ग्रह (गुरु ग्रह को मजबूत करने के उपाय) का वैवाहिक जीवन पर शुभ प्रभाव बना रहे और कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत हो सके।

इसके अलावा, मंगलसूत्र में सोने का भाग होना इस बात को भी दर्शाता है कि वैवाहिक जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहेगी और वैवाहिक रिश्ते की पवित्रता का पति-पत्नी की ओर से पूर्ण हृदय से पालन होगा। सोने का मंगलसूत्र इसलिए भी धारण करना चाहिए क्योंकि इसके स्वास्थ्य लाभ भी हैं। आयुर्वेदिक ज्ञान कहता है कि मंगलसूत्र में मौजूद सोने का अंश महिलाओं को तनाव से दूर रखता है। इसके अलावा, ऐसा माना जाता है कि सोने में हीलिंग प्रॉपर्टीज बहुत अधिक मात्रा में होती हैं जिससे महिलाओं को मानसिक और शारीरिक रूप से कई रोगों को ठीक करने में मदद मिलती है।

सोना कभी भी सीधे तौर पर धारण नही करना चाहिए। ज्योतिष में ऐसा बताया गया है कि सोने (घर में कहां रखें सोने के जेवर) को हमेशा किसीन किसी और धातु के साथ पहनना चाहिए नहीं तो ग्रहों के विपरीत प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। इसलिए मंगलसूत्र में भी सिर्फ सोना नहीं होता है बल्कि उसके साथ काले मोती भी होते हैं। यूं तो काले रंग कि वस्तुएं सुहागिन महिलाओं को पहनने के लिए मना की जाती हैं लेकिन मंगलसूत्र में यह शुभता का काम करता है।
