Bharatpol : आ गया ‘भारतपोल’, तोड़ेगा क्रिमनल्स की कमर

Bharatpol भारत में अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए गृह मंत्रालय आज से ‘भारतपोल’ शुरु करने जा रहा है. इसे इंटरपोल की तर्ज पर बनाया गया है जो अपराधियों की जानकारी साझा करने और उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई का रास्ता खोलेगी. आइए जानते हैं कि आखिर भारतपोल क्या है, कैसे काम करेगा और इसकी जरुरत क्यों महसूस हुई ?

अंतरराष्ट्रीय अपराधियों का नेटवर्क और उनकी पकड़ अब और आसान होने वाली है. जो अपराधी भारत में अपराध करके विदेश भाग जाते हैं या विदेश में बैठे-बैठे भारत में जुर्म का सिंडिकेट चलाते हैं, उनके खिलाफ अब राज्यों की पुलिस को इंटरपोल की तरह ही एक सशक्त हथियार मिलेगा. दरअसल गृह मंत्रालय भारत में ‘भारतपोल’ शुरु कर रहा है, जो इंटरपोल की तर्ज पर अपराधियों की जानकारी साझा करने और उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई का रास्ता खोलेगी. आइए जानते हैं कि ये कैसे काम करेगा, इसकी जरूरत क्यों पड़ी और फायदे क्या होंगे?

भारतपोल क्या है? Bharatpol

भारतपोल का मकसद सिर्फ अपराधियों को पकड़ना नहीं, बल्कि समय रहते उनके खिलाफ शिकंजा कसना और अपराध को जड़ से खत्म करना है. यह एक एडवांस्ड ऑनलाइन पोर्टल है, जिसे सीबीआई ने तैयार किया है. इसका ट्रायल हो चुका है. बस औपचारिक तौर पर शुरुआत होना बाकी है.


इंटरपोल क्या है?
इंटरपोल (INTERPOL) यानी इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन, दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन है. ये एक ऐसी संस्था है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों की पुलिस के बीच तालमेल करती है. यह 195 देशों की जांच एजेंसियों का संगठन है , जिसके जरिए अपराधियों के बारे में सूचनाओं का लेनदेन और उन्हें दबोचने के लिए इंटरनेशनल नोटिस जारी होते हैं. भारत की तरफ से सीबीआई इससे जुड़ी है. वहां इनके अधिकारी नियुक्त है. संस्था 1923 से काम कर रही है. इंटरपोल का मुख्यालय फ्रांस के लियोन शहर में है.

कैसे काम करता है इंटरपोल?

मान लीजिए कि किसी आदमी ने भारत में अपराध किया. फिर वो स्विट्जरलैंड भाग गया. अब पेंच है कि भारत की पुलिस का दावा स्विट्जरलैंड में चलता नहीं. ऐसे में अपराधी को पकड़ने में इंटरपोल काम करेगा. भारत उस आरोपी की जानकारी इंटरपोल को देगा . फिर उसके नाम से वहां नोटिस निकलेगा. इंटरपोल कई तरह के नोटिस निकालता है. लेकिन दो प्रमुख हैं. एक पीला, जो गुमशुदा लोगों के लिए होता है. दूसरा रेड नोटिस, जो वॉन्टेड अपराधियों/आरोपियों के लिए होता है.

भारतपोल की जरूरत क्यों है?

भारत में अक्सर राज्य पुलिस और जांच एजेंसियों को विदेशों में छिपे अपराधियों की जानकारी या उन्हें पकड़ने के लिए इंटरपोल का सहारा लेना पड़ता है. वर्तमान प्रक्रिया में राज्य सरकार को पहले सीबीआई से संपर्क करना पड़ता है. इसके बाद सीबीआई इंटरपोल से संपर्क करती है और जरूरी नोटिस जारी करवाती है. यह पूरा प्रोसेन न सिर्फ जटिल है बल्कि इसमें काफी समय भी लग जाता है.

इसी समस्या को हल करने के लिए भारतपोल की शुरुआत की जा रही है. इसकी मदद से अपराधियों के खिलाफ रेड नोटिस, डिफ्यूजन नोटिस और अन्य जरूरी इंटरपोल नोटिस जारी करने की प्रक्रिया तेज और सरल हो जाएगी. अभी अपने आग्रह को ट्रैक करना हो तो राज्यों को दोबारा सीबीआई को ई-मेल या फैक्स करना होता है, लेकिन भारतपोल पर पुलिस सीधे आग्रह तो ट्रैक कर सकेगी.

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