Cabinet Expansion उत्तराखंड में लंबे समय से कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं जोर पकड़ रही थी लेकिन बीते कुछ महीनों में मंत्री बनने की आस लगाए दिल्ली की ओर देख रहे अनेको विधायकों की उम्मीदों को झटका लग सकता है। हालांकि इसमें उन मंत्रियों के लिए राहत की बात हो सकती है जिनको परफॉर्मेंस और लोकप्रियता के पैमाने पर फिलहाल धामी कैबिनेट में उतने नंबर हासिल नहीं हो सके हैं जिसकी उम्मीद पार्टी संगठन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की होगी।
खाली कुर्सी पर नज़र – किसका खत्म होगा सफर ? Cabinet Expansion

यही वजह है कि आपने बीते कुछ महीनों में सरकार के कार्यक्रमों में कुछ एक मंत्रियों को बेहद सक्रिय भी देखा होगा। योजना और विभाग कोई भी हो लेकिन जिन मंत्रियों पर तलवार लटक सकती है वह खुद को बेहद सक्रिय और आगे आगे दिखाने के लिए मुख्यमंत्री आवास से लेकर सरकारी कार्यक्रमों में मंच पर चहल कदमी करते नजर आ रहे हैं।

पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता कहते हैं कि गंभीर और जनता के बीच सरकार की योजनाओं को वास्तविकता में धरातल पर उतर रहे मंत्रियों को ना तो कैबिनेट विस्तार की कोई चिंता है और ना किसी विकेट के गिरने की , क्योंकि उन्हें पता है केंद्र और राज्य सरकार हर एक मंत्री पर सीधे मॉनिटरिंग करते हुए समय-समय पर फील्ड में फीडबैक भी लेती है। जिसके आधार पर मंत्री , विधायक और अन्य दर्ज़ा धारी की किस्मत तय होती है। अब हालांकि लोकसभा का चुनाव बेहद करीब आ पहुंचा है ऐसे में दो महीने पहले की स्थिति बिल्कुल बदल गई है।

भाजपा मुख्यालय में संगठन से जुड़े वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि दिल्ली से आलाकमान ने प्रदेश की पांचो लोकसभा सीटों को जीतने का जिम्मा न सिर्फ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दिया है बल्कि मंत्रियों और विधायकों को भी पार्टी के उम्मीदवारों को बड़ी संख्या में वोट दिलाने का टारगेट भी दिया है । ऐसे में मंत्रिमंडल का विस्तार करना हो या परफॉर्मेंस के आधार पर मौजूदा मंत्रियों का पत्ता कटना हो ये मसला फिलहाल 2024 आम चुनाव के बाद ही हल होगा। ऐसे में मौजूदा मंत्रियों की टेंशन कम और उम्मीदवार विधायकों की बढ़ गयी है। सूत्र बताते हैं की कम से कम 2 कैबिनेट मंत्री के चेहरे बदले जायेंगे और खाली कुर्सियों पर नए बिठाये जायेंगे। लिहाज़ा दोनों ही खेमे के नेता खुद को सीएम के करीब दिखाने की कोशिशों में जुटे हैं।

हालांकि अंदरखाने सुगबुगाहट ये भी है कि सीएम की जेब में उन नामों की लिस्ट तैयार राखी है जिन्हे ऐड या माइनेस करना है लेकिन वो बाहर अभी नहीं आएगी। क्योंकि निगम चुनाव और एक उपचुनाव भी उत्तराखंड में होना है साथ ही कुछ दर्जा धारियों की लिस्ट भी वेटिंग में है ऐसे में पार्टी संगठन और विधायकों का इंतज़ार लोकसभा चुनाव खत्म होने तक बढ़ गया है। सूत्रों की माने तो चुनावी रिजल्ट आने के बाद ही प्रदेश के नेताओं की परफॉर्मेंस का रिजल्ट सामने आएगा।