
Chhannulal Mishra Passes Away वाराणसी संगीत की शान, शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र अब हमारे बीच नहीं रहे. 89 वर्ष की आयु में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. लंबी बीमारी के बाद छन्नूलाल मिश्र का मिर्जापुर में गुरुवार (2 अक्टूबर) की सुबह 4.17 पर निधन हो गया. वे सेप्टीसीमिया नाम की बीमारी से लड़ रहे थे. उन्हें लगभग 3 सप्ताह पहले अटैक आया था.
सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्रा गुरुवार सुबह 4.15 बजे निधन हो गया। बेटी नम्रता मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि पिताजी मीरजापुर घर पर ही थे। उनका अंतिम संस्कार बनारस में किया जायेगा।बीएचयू से छुट्टी मिलने के बाद स्वजन उनको लेकर के मीरजापुर पहुंचे थे और नगर के ओझलापुल स्थित रामकृष्ण सेवा मिशन चिकित्सालय में भर्ती कराया था, जहां उनकी जांच हुई थी। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर संजीव कुमार सिंह असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर पंकज कुमार पांडेय आदि के साथ उनका कुशलक्षेम जानने पहुंचे थे। चिकित्साकों ने शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र का बीएचयू में चले इलाज व जांच रिपोर्ट को देखा। उन्होंने शास्त्रीय गायक के बेटी नम्रता मिश्रा को कुछ स्वास्थ्य संबंधी सुझाव दिए थे। साथ ही रामकृष्ण सेवा मिशन चिकित्सालय के डॉक्टर के साथ मिलकर उनके इलाज के बारे में जानकारी ली थी।
पद्म विभूषण और पद्म भूषण से हैं सम्मानित Chhannulal Mishra Passes Away
पंडित छन्नूलाल मिश्रा का 3 अगस्त 1936 को आजमगढ़ में जन्म हुआ था. उन्होंने अपनी कर्मभूमि के तौर पर वाराणसी को चुना. छन्नूलाल मिश्रा को साल 2020 में पद्म विभूषण, साल 2010 में पद्मभूषण साल 2000 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. वहीं, साल 2010 में अखिलेश यादव की सरकार के दौरान उन्हें यश भारती पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.जब साल 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार वाराणसी सीट से चुनाव लड़ने का फैसला लिया, तब छन्नूलाल मिश्र उनके प्रस्तावक बने थे.
वाराणसी में होगा अंतिम संस्कार
छन्नूलाल मिश्र ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन में शीर्ष ग्रेड कलाकार रह चुके हैं. पंडित छन्नूलाल मिश्र संस्कृति मंत्रालय (उत्तर-केंद्रीय) सरकार के सदस्य भी रहे. पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, पंडित छन्नूलाल मिश्र का अंतिम संस्कार वाराणसी में किया जाएगा. पद्म विभूषण छन्नूलाल मिश्र एक ऐसे दिग्गज कलाकार रहे जिन्होंने ठुमरी, दादरा, चैती और भजन गायन से हमारे देश को समृद्ध किया. छन्नूलाल मिश्र ने अपनी अद्वितीय शैली से शास्त्रीय संगीत को आमजन तक पहुंचाया. उनके निधन से संगीत जगत में गहरा शोक है.