देहरादून से अनीता आशीष तिवारी की रिपोर्ट
Corn Village भारत में ऐसे कई गांव हैं, जो अपनी खासियत के चलते खूब प्रसिद्ध हैं। ऐसा ही एक गांव मसूरी के पास है, जिसे कॉर्न विलेज के नाम से जाना जाता है। हांलाकि although इस गांव का वास्तविक नाम सैंजी गांव है। इसे कॉर्न विलेज क्यों कहा जाता है, इसका मतलब इस गांव में कदम रखते ही समझ आ जाता है। क्योंकि because इस गांव में ऐसा बहुत कुछ हैं, जो आपको अचरज में डाल देगा ।
सैंजी गांव की पूरी कहानी Corn Village

टिहरी गढ़वाल जिले में मसूरी के प्रसिद्ध केम्पटी फॉल्स से 5 किमी की दूरी पर सैंजी गांव अपनी विशेषता के कारण पर्यटकों के बीच काफी पॉपुलर है। यहां आपको हर घर में मक्के लटकते हुए नजर आएंगे। वास्तव में मक्के गांव की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं। लेकिन but दोस्तों इस सैंजी गांव की पूरी कहानी आपको यहाँ आने पर मज़बूर भी कर देगी ।
दरअसल actually इस गांव में हर घर में मकई को लटकाने के पीछे वजह है इन्हें सुखाना और बीज के रूप में इकठ्ठा करना । क्योंकि because यह खेत के बीज उपलब्ध कराने के साथ घरों की साज-सज्जा में इजाफा करता है। बालकनियां, खिड़कियां यहां तक की दरवाजे भी इनकी फसलों से ढंके हुए हैं।मकई यानी भुट्टा इस गांव की मुख्य फसल है। ग्रामीण लोग फसल को सुखाने के बाद इसका आटा बनाते हैं। यहां हर घर को पके हुए मक्के से खूबसूरती से सजाया जाता है।
यह इस गांव में धन का संकेत माना जाता है क्योंकि because लोगों के लिए मकई आहार का प्रमुख हिस्सा है और यहां के लोगों का पसंदीदा भोजन मक्के दी रोटी और अखरोट की चटनी है। यहां पर ग्रामीण न केवल मक्का, बल्कि गेहूं, चावल और अन्य सब्जियां भी उगाते हैं। फसल के मौसम के ठीक बाद , कुछ खेतों को सर्दियों के लिए तैयार किया जाता है।हांलाकि although इस गांव में कुल 35 परिवार रहते हैं।लेकिन but यह गांव बहुत ही सुंदर और स्वच्छ है। अगर if आप यहना आएंगे तो यहां के रंगीन घर आकर्षक लगेंगे क्योंकि because इन घरों के बीच कोई दुकान नहीं है। तो निकल पढ़िए Corn Village देखने
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