Couples Ritual for Children : जर्मनी और पोलैंड के बेऔलाद दंपती करेंगे मंदिर में तपस्या !

Couples Ritual for Children संतान प्राप्ति की कामना के लिए श्रीनगर गढ़वाल के कमलेश्वर महादेव मंदिर में खड़ा दीया अनुष्ठान होने जा रहा है। इस अनुष्ठान के लिए अब तक 230 दंपतियों ने पंजीकरण कराया है। इनमें कई राज्यों के साथ ही दो दंपत्ति विदेश से भी हैं। पौराणिक कमलेश्वर महादेव मंदिर में आगामी 25 नवंबर को बैकुंठ चतुर्दशी पर्व पर खड़ा दीया अनुष्ठान होगा। मंदिर के महंत आशुतोष पुरी ने बताया कि बैकुंठ चतुर्दशी पर्व पर मंदिर में संतान कामना के लिए दंपती यह अनुष्ठान करते हैं।

 

रातभर जलता दीया हाथ में लेकर अनुष्ठान करेंगे दंपती Couples Ritual for Children

Couples Ritual for Children

मान्यता है कि खड़ा दीया अनुष्ठान करने वाले दंपती को संतान प्राप्ति होती है। अनुष्ठान के लिए पंजीकरण शुरू हो गया है। अभी तक देश के विभिन्न हिस्सों सहित विदेश से भी 230 दंपती पंजीकरण करा चुके हैं। पंजीकरण आगामी 24 नवंबर शाम पांच बजे तक किए जा सकते हैं। कमलेश्वर महादेव मंदिर में हर साल कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी की रात दंपती संतान कामना के लिए भगवान शिव की पूजा करते हैं। मान्यता है कि दानवों पर विजय पाने के लिए भगवान विष्णु ने श्रीनगर के बागवान में स्थित शिव मंदिर में भगवान शिव से वरदान पाने के लिए तप किया था।


भगवान विष्णु इस अनुष्ठान को करते हुए शिव के सहस्त्रनाम के अनुरूप जाप करते हुए एक हजार कमल पुष्प चढ़ाने लगे। भगवान शिव ने श्रीहरि विष्णु की परीक्षा लेने के लिए एक कमल छुपा दिया था। एक कमल पुष्प कम होने से यज्ञ में कोई बाधा न पड़े इसीलिए श्रीहरि विष्णु ने अपना एक नेत्र अर्पित करने का संकल्प लिया। श्रीहरि के इस संकल्प से प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ ने विष्णु भगवान को अमोघ सुदर्शन चक्र वरदान के रूप में दिया। इस दौरान संतान प्राप्ति की मनोकामना लेकर मंदिर में पूजा करने आये एक दंपत्ति ने भगवान की यह लीला देखी। जिस पर मां पार्वती के अनुरोध पर भगवान शिव ने उस दंपती को संतान प्राप्ति का वरदान दिया।

तभी से कमलेश्वर महादेव मंदिर में बैकुंठ चतुर्दशी पर्व पर दंपती संतान प्राप्ति के लिए खड़ा दीया अनुष्ठान करते हैं। इसके अलावा यह मान्यता भी है कि भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण के वध के बाद ब्रह्महत्या के दोष से मुक्ति के लिए इस स्थान पर भोलेनाथ की आराधना की थी। बैकुंठ चतुर्दशी के अवसर पर अनुष्ठान के लिए उत्तराखंड समेत पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, बेंगलुरु, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा के साथ ही जर्मनी और पोलैंड से भी दंपतियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। अभी और पंजीकरण होने की संभावना भी है।


महंत आशुतोष पुरी ने मीडिया को बताया कि सनातन धर्म के प्रति विदेशियों में भी काफी आस्था है। इससे पहले भी कई बार विदेशी भक्त यहां पर खड़ा दिया अनुष्ठान कर चुके हैं। खड़ा दिया अनुष्ठान को लेकर मंदिर समिति द्वारा तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 24 नवंबर से श्रद्धालु मंदिर में पहुंचने शुरू हो जायेंगे। यह अनुष्ठान गोधूलि बेला में शुरू किया जाएगा और पूरी रात चल कर सुबह तीन बजे बजे इस अनुष्ठान का समापन होगा।

मनोकामना लेकर दंपत्ति रात भर हाथ में जलता दिया लेकर खड़े रह कर पंचाक्षरी मंत्री का जाप करते हैं। सुबह के समय वे अनुष्ठान पूरा होने पर महंत को साक्षी मानकर दीया उनको अर्पित करते हैं। उसके बाद स्नान कर हवन होता है और फिर उनकी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करते हुए महंत उन दंपत्तियों को श्रीफल देते हैं। अनुष्ठान करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं और उनके परिजनों को किसी तरह की परेशानियां न हो इसे देखते हुए भी व्यवस्थाएं की गई है। विद्युत हो कि कमलेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव के सिद्ध पीठो में से एक है। यह मंदिर पौड़ी जिले के श्रीनगर गढ़वाल क्षेत्र में आता है।

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