CYBER ​​FRAUD : IAS , IPS और आपने खबर न पढ़ी तो होगा नुकसान !

CYBER ​​FRAUD क्या आप यकीन करेंगे कि हमारे देश में साइबर ठगी में रोजाना 10 हजार लोग शिकार होते हैं. उससे भी बड़ी  हकीकत तो ये हैं कि बेहद शार्प और जागरूक हमारे आईएएस, आईपीएस और डॉक्टरों भी साइबर जालसाजी का शिकार हो रहे हैं जो बेहद हैरान करने वाली हकीकत है। अब आम आदमी और सामान्य समाज का कहना ही क्या अब यूपी के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन की ही बात कर लीजिये क्योंकि साइबर ठगी के बाद यह चर्चा तेज है कि आखिर इतने पढ़े लिखे और जागरूक शख्स जालासाजी का शिकार कैसे हो रहे हैं. हालांकि आलोक रंजन इकलौते ऐसे पूर्व या वर्तमान अफसर नहीं हैं जो ठगी का शिकार हुए हैं.

बेहद ज़रूरी है आपका जागरूक बनना CYBER ​​FRAUD


यूपी के वरिष्ठ आईपीएस अफसर बीआर मीणा भी साइबर ठगी का शिकार हुए थे. बीते वर्ष दिसंबर में आईपीएस ने रेलवे टिकट कैंसल करने के लिए इंटरनेट में आईआरसीटीसी सर्च किया. जहां उन्हें मोबाइल नंबर दिखे, जोआईआरसीटीसी हेल्प लाइन नंबर दिख रहे थे. उन्होंने इन नंबरों पर कॉल की तो कॉल उठाने वाले व्यक्ति ने खुद को आईआरसीटीसी कर्मचारी बताते हुए आईपीएस अधिकारी से बातचीत करनी शुरू की. कॉल उठाने वाले व्यक्ति ने आईपीएस का टिकट कैंसल करने के लिए पीएनआर नम्बर मांगा और फिर एक मैसेज में एक लिंक भेज कर उससे क्विक सपोर्ट एप्लिकेशन डाउनलोड करने के लिए कहा. साइबर ठग ने बातचीत के दौरान आईपीएस से क्रेडिट कार्ड की डिटेल मांगी तो उन्होंने उसे दे दी. जिसके बाद जालसाज ने तीन बार में 80 हजार 230 रुपये निकालने का प्रयास किया. जिसमें 14 हजार 999 रुपये निकल गए. इन पैसों से तुरंत ऑनलाइन शॉपिंग कर डाली गई. पैसे निकालने का मैसेज मिलते ही आईपीएस बीआर मीणा ने अपना क्रेडिट कार्ड ब्लॉक करवा दिया.


फ़र्ज़ी CBI के झांसे में डॉक्टर ने गंवाए रुपये

केजीएमयू की डॉक्टर को 15 अप्रैल को एक कॉल आई और कहा गया कि उनके द्वारा बुक किए गए कार्गो में ड्रग्स है. इसके बाद सीबीआई के एक अधिकारी ने डॉक्टर से बात की और डाॅक्टर को गिरफ्तार करने की धमकी दी. हालांकि बात बनते बनते डॉक्टर ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सीबीआई अफसर को 85 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. हालांकि बाद में पता चला कि ये सभी साइबर जालसाज थे. साइबर एक्सपर्ट कहते है कि यह जरूरी नहीं की पढ़ा लिखा व्यक्ति जागरूक हो, लेकिन जब बात आईएएस, आईपीएस और डॉक्टरों की होती है तो यह मान लिया जाता है कि वो जरूर जागरूक होंगे. ऐसे में उनका साइबर अपराधियों द्वारा ठगा जाना चौंकाने वाला है. एक्सपर्ट कहते है कि साइबर जालसाज इतने शातिर होते हैं कि वे अपने शिकार से जुड़ी हर जानकारी रखते हैं. वह यह मान कर चलते हैं कि जिसे वे ठगने की कोशिश कर रहे हैं वह जागरूक है और किसी भी हाल में उनसे पैसे निकालने हैं. कुछ तो बच जाते हैं, लेकिन कुछ ठगों की चाल में फंसते हैं और इन अफसरों की तरह ही ठगी का शिकार होते हैं.

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