देहरादून से अनीता तिवारी की रिपोर्ट
दो जवान बिगडै़ल बेटों ने किया विधवा मां का जीवन नरक
दुखियारी माँ ने लगाई गुहार, डीएम ने तोड़ा नियमों का जाल
मुख्यमंत्री के जन सेवा संकल्प से पहली बार थाना, कचहरी, वकील हुए दरकिनार
कलेक्ट्रेट बना न्याय का मंदिर , फास्ट्रेक सुनवाई और निर्णय शानदार

DM Dehradun बेटा होगा तो बुढ़ापे का सहारा बनेगा … माँ बाप को सम्भालेगा और जीवन का आखिरी समय खुशी खुशी बीतेगा….लेकिन एक माँ की ये उम्मीद टूट गयी और दुष्ट बेटों के जुल्म से निढाल पहुंच गयी देहरादून के डीएम सविन बंसल के दरबार में…. यहां उनकी फ़रियाद सुनकर खुद डीएम भी भावुक हो गए और एक लायक बेटे की तरह पहले उनका हौसला बढ़ाया फिर दुखियारी माँ को प्रशासन द्वारा हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया….

आपको बता दें कि हर बार की तरह डीएम बंसल के सामने फरियादियों की भीड़ थी क्या बुजुर्ग क्या महिला और क्या युवा सबकी अपनी शिकायतें सबका अपना दर्द….इसी बीच एक बुजुर्ग महिला ने जब अपनी फ़रियाद सुनाई तो डीएम के कमरे में मानवता भी भावुक हो गयी और लोग भी अवाक थे….विधवा महिला विजय लक्ष्मी पंवार पत्नी रव० मोहन सिंह पंवार, निवासी भागीरथपुरम, बंजारावाला ने जिलाधिकारी सविन बंसल से गुहार लगाई कि वो विधवा गरीब महिला है, उसके दोनो पुत्र, नशे के आदी व बिगड़े हुये है और उन्हें मारते-पीटते है और हर समय पैसो की मांग करते है। कई बार उन्हें पुलिस एवं पार्षद ने भी समझाया, लेकिन वह सुधरने के बजाये और भी बिगड गये है। उनके पुत्र क्या करते हैं उन्हें नहीं पता है। लेकिन जब वह कभी 2 व 3 दिन में या कभी आधी रात में घर आते है और हर समय अफीम / गांजा / शराब व आदि के नशे में रहते है तो फिर अपनी माँ की पिटाई कभी डंडो से तो कभी हाथ-पैर से करते है व सिर्फ पैसा मांगते रहते है। अब तो उन्होंने मुझे जान से मारने की धमकी दे दी है, जिससे में विधवा महिला अत्यधिक डरी हुई है। महिला को डर है कि उनके पुत्र उन्हें झोपडे में ही जान से मार सकते है।

इस वेदना से भरी माँ की बातें सुनकर डीएम बंसल पहले तो भावुक हुए लेकिन अगले ही पल सख्त रुख अपनाते हुए गुंडा एक्ट में डीएम की विशेष शक्ति का प्रयोग किया और जिले में पहली बार थाना रिपोर्ट, कचहरी वकील को दरकिनार कर गुंडा रूल्स 1970 नियामक की अनन्य शक्ति का इस्तेमाल करते हुए दोनों बेटों को नोटिस जारी कर दिए गए। उन्होनें कहा कि जब स्वयं व्यथित माता ही लगा रही मोहर तो क्या जटिलता और क्या नियमों की रार, ऐसे में नियमों में उलाहने से बेहतर है असहाय विधवा माता की सुरक्षा

इसी शिकायत को आधार मानते हुए डीएम बंसल ने कानूनी जटिल प्रक्रिया को खत्म करते हुए गुंडा एक्ट में मामला दर्ज कर दिया…. जिलाधिकारी सविन बंसल ने मानवीय संवेदना को आगे रखते हुए बुजुर्ग माँ की कोख जन्मे निरंकुश औलाद को सबक सिखाने का फैसला किया और प्रकरण पर उसी दिन गोपनीय जांच करवाई तो स्थानीय लोगों, पड़ोसियों, जनप्रतिनिधियों ने भी पुष्टि की है कि दुखियारी माँ के दोनों पुत्र आये दिन अपनी माता जी के साथ मार-पीट करते रहते हैं तथा नशे के आदि होने के कारण पैसे की मांग तथा जान से मारने की धमकी देते हैं। गोपनीय इंक्वायरी ऑफिसर ने स्पष्ट किया कि “आवश्यक प्रतीत होता है कि दोनों पुत्रों को प्रार्थिनी से दूर रखा जाये।

डीएम बंसल ने उसी दिन 2 घंटे के भीतर दोनो पुत्रों के विरूद्ध गुण्डा अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही प्रारम्भ करने का आदेश दिया और नोटिस के द्वारा दोनों बेटों को सूचना दी गई कि वे 26 अगस्त को न्यायालय में स्वय अथवा द्वारा अधिवक्ता उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करें। अब माँ को उम्मीद है कि उसका जीवन सुरक्षित हैं डीएम बंसल के आदेश और प्रशासनिक संरक्षण में बेटों को उनके उद्दंडता का दुष्परिणाम भुगतान ही पड़ेगा