Eloji Devta : महिलाओं को गर्भवती बनाने वाले दूल्हे देवता से मिलिए  !

Eloji Devta भारत एक ऐसा देश है जहाँ आपको हर कदम पर दिलचस्प किस्से कहानियां सुनंने देखने को मिल जाएँगी। हर प्रदेश की , हर समुदाय और क्षेत्र की ऎसी ही मान्यताओं की जानकारी शाइनिंग उत्तराखंड न्यूज़ अपने पाठकों तक पहुंचाता है जिससे हम अपने समाज और आस पास के रोचक सच को जान सकें समझ सके और उनके पीछे का किस्सा पढ़ सकें। तो चलिए अनोखे दूल्हे की बात करते हैं जिनको छेड़छाड़ का देवता भी कहते हैं।

 

आखिर कौन है यह अनोखे लोकदेवता ? Eloji Devta

Eloji Devta

ये किस्सा है रंगीलो राजस्थान का जहां  होली के मौके पर एक दूल्हा देवता की पूजा की परंपरा है। दूल्हे के वेश वाले इस देवता की प्रतिमाएं कई गांवों और नगरों के चौराहों पर देखी जा सकती हैं। इनकी पूजा ज्यादातर निसंतान दंपति ही करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इन देवता की पूजा करने से कुंवारों की विवाह हो जाती है और निसंतान स्त्रियों को संतान की प्राप्ति होती है। दरअसल, ये देवता है इलोजी महाराज जिन्हें राजस्थानी लोक संस्कृति में लोक देवता का जगह मिला है। इलोजी के दूल्हा वाले रूप में पूजा की जाती है। कहते हैं इलोजी द्वारा शरीर पर धूल-राख मलने की स्मृति में ही होली के बाद धुलेंडी मनाने की परम्परा चली। राजकुमार देवता इलोजी जीवन भर कुंवारे रहे लेकिन मान्यता है कि वह संतान होने और शादी होने का वर देते हैं।

जानिए इलोजी देवता की कथा
किवदन्ती के मुताबिक, इलोजी देवता भक्त प्रहलाद की बुआ होलिका के मंगेतर थे। इलोजी देवता की कथा भगवान विष्णु के अनुयायी प्रह्लाद से जुड़ी हुई है। प्रह्लाद के पिता हिरण्यकश्यप उसे भगवान विष्णु के प्रति भक्ति न करने के लिए कहते थे और उसे कई तरह के उत्पीड़नों से गुज़रना पड़ता था। एक दिन हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे को समुद्र के किनारे ले जाकर उसे मृत्यु के भय से डराया। प्रह्लाद ने उस स्थान पर भगवान विष्णु के स्मरण में खो जाने के बाद भगवान विष्णु ने उसे रक्षा की अपील सुनी और उसे संरक्षित करने के लिए नरसिंह अवतार धारण किया। नरसिंह अवतार में भगवान विष्णु ने हिरण्यकश्यप को मार डाला और प्रह्लाद को उसकी रक्षा की। यह कथा इलोजी देवता की एक मूर्ति को लेकर जुड़ी हुई है, जो प्रह्लाद के बारे में अपनी भक्ति और उसकी रक्षा की याद दिलाती है। इसीलिए, इलोजी देवता की पूजा में युवक इसे शादी के वरदान के रूप में मांगते हैं।

लोक देवता के रूप में पहचान

मान्यता है कि ईलोजी महाराज की ज्यादातर कुंवारे पुरुष और महिलाएं पूजा करते हैं और अपनी विवाह के लिए इच्छा करते हैं। बोला जाता है कि इलोजी महाराज को ईश्वर शंकर से वरदान मिला हुआ है कि जो भी कुंवारे लड़के, पुरुष और महिलाएं और बांझ स्त्रियां इनकी पूजा करेंगी तो उनकी मन की ख़्वाहिश जल्द पूरी हो जाएगी। लोक देवता इलोजी आनंद भैरू के रूप में भी पहचान रखते हैं, इन्हें मस्त मौला और छेड़छाड़ के देवता के नाम से भी पहचाना जाता हैं। हमारे देश में हर त्यौहार का अपना एक अलग ही महत्व होता है। हर जगह पर अलग- अलग प्रकार से होली खेली जाती है। इसी कड़ी एक देवता ऐसे भी है जो केवल कुंवारों की मन्नतें पूरी करते हैं और होली पर इनकी विशेष पूजा भी होती है। यदि आप भी कुंवारे हैं और जीवनसाथी की तलाश में हैं तो इस होली कुंवारे के देवता को खुश करें।

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