Gangotri Dham Yatra उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गई है, आज सुबह 11:30 बजे गंगोत्री धाम में मां गंगा मंदिर के कपाट विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के क्षणों में पूरा धाम “जय मां गंगे” के जयकारों से गूंज उठा। मां गंगा की उत्सव डोली अब अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव के लिए रवाना होगी, जहां अगले छह महीने तक उनकी पूजा-अर्चना की जाएगी।
इस अवसर पर मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया था, श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। मुखबा गांव में भी मां गंगा के स्वागत की पूरी तैयारी की गई है, वहीं, 23 अक्तूबर को भैयादूज के दिन यमुनोत्री धाम के कपाट भी दोपहर 12:30 बजे बंद किए जाएंगे। इसके बाद मां यमुना की उत्सव मूर्ति के दर्शन खरसाली गांव में होंगे।
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चारधाम यात्रा के इस सीजन में श्रद्धालुओं की भारी आमद रही, इस वर्ष गंगोत्री और यमुनोत्री धामों में कुल 14,02,128 तीर्थयात्री पहुंचे, जिनमें गंगोत्री में 7,57,762 और यमुनोत्री में 6,44,366 श्रद्धालु शामिल हैं।कुल मिलाकर 21 अप्रैल 2025 से अब तक 49.30 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम यात्रा कर चुके हैं, और अनुमान है कि शेष धामों के कपाट बंद होने तक यह आंकड़ा 50 लाख को पार कर जाएगा।
यात्रा से जुड़े स्थानीय व्यापारी मानते हैं कि सर्दियों में भी मुखबा और खरसाली जैसे शीतकालीन पड़ावों तक यात्रा जारी रखी जाए, तो देश-विदेश के तीर्थयात्रियों को आकर्षित किया जा सकता है। श्रद्धालु इस दौरान मां गंगा और मां यमुना के दर्शन के साथ-साथ बर्फबारी का मनमोहक दृश्य भी देख सकेंगे।

