gate of hell turkmenistan हम सभी ने स्वर्ग और नर्क का व्याख्यान छोटे से या बालपन से ही सुना है। अच्छे कर्म करने वालों को स्वर्ग में जगह मिलती और बुरे और गलत काम करने वालों के लिए मौत के नरक का द्वार खुलता है, ऐसे कई किस्से हम बचपन से ही सुनते आ रहे हैं। लेकिन ये दोनों जगह कहां पर स्थित हैं इस बात की जानकारी किसी के पास नहीं है। ऐसे ही आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे जहां दशकों से लगातार आग धधक रही है, जिसे ‘नरक का द्वार के नाम से भी जाता है। आज हम आपको बताएंगे कि ये, जिसे लोग ‘नरक का द्वार’ कहते हैं आखिर किस देश में स्थित है और वहां क्यों धधक रही है लगातार आग।
कहां पर है ‘नरक का द्वार’? gate of hell turkmenistan
दुनिया में ‘नर्क का द्वार’ कहे जाने वाली जगह तुर्कमेनिस्तान में स्थित है। दरअसल, तुर्कमेनिस्तान के काराकुम रेगिस्तान में दरवाजा नाम के गांव के पास एक गड्ढा है। इस गड्ढे में से पिछले दशकों से लगातार आग धधक रही है। इसे ही समूचे विश्व में ‘नर्क का दरवाजा’ के नाम से जाना जाता है। दरअसल, ये जो गड्ढा है जिसमे से लगातार आग निकल रही है असल में वो एक गैस क्रेटर है, जो मीथेन गैस के चलते जल रहा है।
कैसे बना आग का गड्ढा?
जानकारी के लिए आपको बता दें कि बहुत पहले तुर्कमेनिस्तान सोवियत संघ का हिस्सा हुआ करता था। सत्तर के दशक में नेचुरल गैस निकलाने की होड़ चल रही थी, उसी समय यहां पर प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार का पता चला था। उस दौरान 1971 में यहां एक विस्फोट हो गया। विस्फोट इतना भयंकर था कि यहां एक 229 फीट चौड़ा गड्ढा हो गया जिसकी गहराई लगभग 65 फीट है। जिसे लोग आजकल डोर टू हेल या नरक का दरवाजा कहते हैं।
कैसे लगी आग?
इस हादसे से मीथेन गैस का रिसाव लगातार हो रहा था। इस रिसाव को रोकने के लिए साइंटिस्टों को एक युक्ति सूझी, उन्होंने गड्ढे के ऊपर आग लगा दी। साइंटिस्टों को अंदाजा था कि गैस के खत्म होने पर आग बुझ जाएगी, परंतु ऐसा हुआ नहीं। आग आज भी वैसे ही जल रही है। गड्ढे से इतनी भयानक लपटें निकलती हैं, कि इसके आसपास जाने की हिम्मत किसी की भी नहीं होती। इसी कारण लोग इसे डोर टू हेल या नरक का दरवाजा कहने लगे।
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