Hanuman Chalisa : रात 9 बजे ही पढ़ना चाहिए हनुमान चालीसा

Hanuman Chalisa हनुमान चालीसा केवल एक भक्ति गीत नहीं, बल्कि एक अदृश्य रक्षा कवच है, जो विशेष रूप से रात के समय और भी अधिक प्रभावशाली माना जाता है। रात को जब नकारात्मक ऊर्जा, भय और तंत्र बाधाएं सक्रिय होती हैं, तब श्रीहनुमान की स्तुति करने से व्यक्ति को मानसिक शांति और दिव्य सुरक्षा प्राप्त होती है।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रात का समय राक्षसी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जाओं का होता है। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ करता है तो वह हनुमानजी की कृपा से इन सभी प्रभावों से मुक्त हो जाता है। हनुमानजी को “भूत-प्रेत बाधा” से मुक्ति दिलाने वाले देवता माना गया है। हनुमान चालीसा के कई चौपाइयों जैसे – “भूत पिशाच निकट नहिं आवै, महावीर जब नाम सुनावै”… को विशेष रूप से रात्रि में प्रभावकारी माना जाता है।

Hanuman Chalisa

हनुमान चालीसा का पाठ कई लोगों द्वारा किया जाता है क्योंकि हनुमानजी न केवल संकटमोचन कहलाते हैं बल्कि वो अष्ट सिद्धियों के भी दाता हैं। वैसे तो हनुमान चालीसा का पाठ किसी भी समय सही माना जाता है लेकिन कई लोग रात में सोने से पहले या डरने पर बीच में जागकर भी हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। तो, क्या ऐसा करना सही है ?

क्या रात में हनुमान चालीसा का पाठ करना सही है ?

कहते हैं कि हनुमान चालीसा का पाठ दिन के किसी भी समय अनुकूल है लेकिन अगर आप रात में इसका पाठ कर रहे हैं, तो रात के नौ बजे के बाद ही करें क्योंकि ब्रह्म मुहूर्त से लेकर रात्रि 9 बजे तक बजरंग बली भगवान राम की सेवा में लीन रहते हैं। इसलिए, उस दौरान उनकी स्तुति व प्रार्थना करने से उतना लाभ नहीं मिल पाता, जितना मिलना चाहिए। परन्तु रात्रि 9 बजे बाद वे भगवान राम की सेवा से मुक्त हो जाते हैं। इसलिए, मान्यता है कि यदि सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का रात 9 बजे बाद पाठ किया जाए, तो कई गुणा लाभ होता है और साथ ही साथ मन और आत्मा को शान्ति मिलाती है। यदि आपके कार्यों में बाधा है या आप आर्थिक टंगी से गुजर रहे हैं, तो 21 दिनों तक लगातार समय पर रात में हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी समस्याओं का हल मिल जाता है।

हनुमान चालीसा का पाठ स्नान कर, साफ़ कपड़े पहन कर पढ़ना चाहिए

कहते हैं कि हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करना सबसे सही माना जाता है। हनुमान चालीसा के हरेक दोहे में किसी-न-किसी जरूरतमंद के स्तुति के लिएय बातें लिखी गयी हैं। इसलिए, तो इसका पाठ करने की सलाह सबको दी जाती है। जिन लोगों को रात में डर लगता है, तो उन्हें “भूत पिशाच निकट नहीं आए, महावीर जब नाम सुनावे” दोहे का पाता करने लहा जाता है। इसके अतिरिक्त जो बीमार है, उनके लिए “नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरन्तर हनुमत बीरा”, जिसका अर्थ है ‘हनुमान जी सभी के कष्ट और रोग भी हर लेते हैं’ दोहा लिखा गया है। ‘विद्यावान गुनी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर’ ये दोहा उन छात्रों के लिए लिखी गयी है, जो हनुमान चालीसा का पाठ कर बुद्घिमान, गुणी और चातुर यानी अक्लमंद होने का गुण हनुमानजी से पाना चाहते हैं।