देहरादून से अनीता तिवारी की रिपोर्ट –
Harak On Trivendra कभी भाजपा के माननीय मंत्री रहे मौजूदा कांग्रेस के सम्मानित वरिष्ठ नेता हरक सिंह रावत के सितारे थोड़ा गर्दिश में चल रहे हैं। तभी तो न चुनाव में जीत मिली न जनता से समर्थन , अब इसके पहले कि लोकसभा में ताल ठोकते पुराने दोस्तों ने सियासी जाल फेंक कर उन्हें अस्त व्यस्त कर दिया है। जी हां दिग्गज हरक सिंह रावत के लिए सरकार और भाजपा आक्रामक होती दिख रही है।
बातें उठने लगी तो बहुत कुछ उठेगी Harak On Trivendra

अभी कुछ ठिकानों पर विजिलेंस ने छापा चर्चाओं में है। उनपर आरोप लगा है कि जिस समय वह वन मंत्री थे उस समय उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कई ऐसे काम किया जो की विजिलेंस की रडार पर हैं। although इसमें से एक जो उनके ऊपर आरोप लगा है वह यह है कि उन्होंने कॉर्बेट नेशनल पार्क में इस्तेमाल में लाया जाने वाला जनरेटर जिसकी कीमत लगभग 78 laks रुपए थी उसको अपने बेटे के कॉलेज में लगवा दिया वहीं अब हरक सिंह रावत के ठिकानों पर विजिलेंस छापा मार रही है। और अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी उन पर निशाना चाहते हुए कहा कि जनरेटर तो दिखने वाली चीज है न जाने वहां से क्या-क्या चीज गई है यह तो विजिलेंस की टीम जाने।
दूसरी तरफ हरक सिंह रावत ने विजिलेंस की टीम द्वारा मारे गए छापा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार यह सब जानबूझकर कर रही है। हां बिल्कुल मैंने covid के वक्त कुछ लाख रुपए का जनरेटर मेडिकल कॉलेज में जरूर लगाया था लेकिन but उस वक्त मैंने अन्य भी कई जगह में मदद की थी वहीं जब मैं मंत्री पद से हटा तो मेरे से सारे सामान वापस मांग लिए गए, अगर if यह उसी वक्त यह भी कह देते कि जनरेटर वापस कर दो तो मैं उसे भी वापस कर देता।
वहीँ बयान बहादुर माने जाने वाले हरक ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर भी जमकर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि पूर्व में जब मैं मंत्री था और जिस समय कि यह घटना है उस समय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ही थे, अगर if उन्हें उस समय लग रहा था कि मैं कुछ गलत कर रहा हूं तो मुझे उसी समय मंत्री पद से हटा देते। साथ उन्होंने त्रिवेंद्र सिंह रावत पर आगे निशाना साधते हुए कहा कि अगर if बातें उठने लगी तो बहुत कुछ उठेगी। फिर जाकर उन्हें अपनी जांच भी करवा लेनी चाहिए जिंदगी भर उन्होंने कहीं नौकरी नहीं की कोई बिजनेस नहीं किया और देहरादून जैसी जगह में उनका इतना बड़ा मकान है जबकि उनकी पत्नी एक प्राइमरी टीचर है। क्या एक प्राइमरी टीचर देहरादून में इतना बड़ा मकान बन सकती है।
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