Haridwar Kumbh हरिद्वार कुम्भ भव्य और दिव्य बनाएगी धामी सरकार , करोड़ों भक्तों के स्वागत और आतिथ्य में कोई कमी और असुविधा न हो इसके लिए मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में कुंभ मेला से संबंधित कार्यों हेतु उच्च अधिकार प्राप्त समिति एवं व्यय वित्त समिति की बैठकें संपन्न हुई। बैठक में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि घाटों के निर्माण में गुणवत्ता के साथ ही हरियाली का विशेष ध्यान रखा जाए। जहाँ जहाँ संभव हो हरियाली का प्रावधान रखा जाए। मुख्य सचिव ने मेलाधिकारी को अगस्त माह के अंत तक कुम्भ 2027 की सम्पूर्ण कार्ययोजना प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए।
कुम्भ क्षेत्र के सभी पुलों को तत्काल सुरक्षा ऑडिट करवा लिया जाए Haridwar Kumbh

मुख्य सचिव ने कुम्भ क्षेत्र के पुलों की सुरक्षा जांच तत्काल अनिवार्य रूप से कराए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पूरे कुम्भ क्षेत्र का सर्क्यूलेशन प्लान भी अनिवार्य रूप से तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि विशेष पर्वों के दौरान श्रद्धालुओं की अधिकतम भीड़ के अनुरूप योजनाएं तैयार की जाएं। उन्होंने प्रत्येक बिन्दु पर प्रवेश एवं निकासी के लिए योजना तैयार किए जाने की बात कही।
कुम्भ 2027 की सम्पूर्ण कार्ययोजना करें तैयार – मुख्य सचिव

मुख्य सचिव कहा कि कुंभ क्षेत्र एवं आसपास के क्षेत्रों के रेलवे स्टेशनों की क्षमता विकास और सौंदर्यीकरण हेतु रेल मंत्रालय से संवाद किया जाए। उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में अत्यधिक भीड़ के दौरान रेलवे स्टेशनों में होल्डिंग एरिया तैयार किया जाए। मुख्य सचिव ने कुम्भ क्षेत्र में नए पार्किंग एरिया चिन्हित कर अभी से तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कुम्भ के दौरान प्राईवेट भूमि पर पार्किंग स्थल किराए पर लिए जाने हेतु भी अभी से तैयारियां करते हुए भूमि के मालिकों से भी अभी से बातचीत कर ली जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि घाटों के पास सीढ़ियों को मानक के अनुरूप रखा जाए ताकि श्रद्धालुओं को सीढ़ियाँ चढ़ने उतरने में परेशानी का सामना ना करना पड़े। उन्होंने घाटों के पास चेंजिंग रूम और बैठने के लिए बेंच आदि का प्रावधान भी रखा जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने घाटों के निर्माण को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किए जाने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि नहरों के बंदीकरण के दौरान सभी कार्य समय से पूर्ण किए जा सकें।

यह त्यौहार हिंदुओं के लिए धार्मिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण है। प्रत्येक कुंभ अवसर पर, लाखों हिंदू उत्सव में भाग लेते हैं। हरिद्वार को बहुत पवित्र माना जाता है, क्योंकि गंगा यहीं पहाड़ों से मैदानों में प्रवेश करती है , इस त्यौहार में पूरे भारत से सबसे अद्भुत संत आते हैं। नागा साधु ऐसे ही एक हैं, जो कभी कोई वस्त्र नहीं पहनते और राख में लिपटे रहते हैं। उनके लंबे जटाजूट होते हैं और वे गर्मी और सर्दी के अतिरेक से बिल्कुल प्रभावित नहीं होते हैं। फिर उर्ध्ववाहुर हैं, जो शरीर को कठोर तपस्या से गुजारने में विश्वास करते हैं। परिव्राजक हैं, जिन्होंने मौन व्रत लिया है कुंभ का पूरा महीना गंगा के तट पर बिताते हैं, ध्यान करते हैं, अनुष्ठान करते हैं और दिन में तीन बार स्नान करते हैं, यही कल्पवासी हैं।

ऐसा माना जाता है कि कुंभ में स्नान करने से स्नान करने वाले के सभी पाप और बुराइयाँ दूर हो जाती हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह भी माना जाता है कि कुंभ योग के दौरान गंगा का जल सकारात्मक उपचारात्मक प्रभावों से आवेशित होता है और कुंभ के समय जल सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति के बढ़े हुए विद्युत चुम्बकीय विकिरणों से सकारात्मक रूप से आवेशित होता है, जिसका प्रवाह चंद्रमा की स्थिति और कलाओं के साथ-साथ सूर्य के धब्बों के + और – चिह्नों के अनुसार भी बदलता रहता है।

