
Himanchal Tourism आपदा के एक माह बाद प्रदेश के पर्यटन स्थल धीरे-धीरे सैलानियों से गुलजार होने लगे हैं। पर्यटन निगम समेत निजी होटलों में अभी ऑक्यूपेंसी 25 से 30 फीसदी चल रही है। जुलाई-अगस्त और सितंबर के पहले हफ्ते में यह ऑक्यूपेंसी महज दस फीसदी थी। हालांकि, अब शिमला, मनाली, डलहौजी, कसौली और धर्मशाला में धीरे-धीरे पर्यटन कारोबार पटरी पर लौटने लगा है।
त्योहारी सीजन को लेकर भी अक्तूबर में निगम समेत निजी होटलों में एडवांस बुकिंग चल रही है। मनाली से रोहतांग दर्रा के लिए सोमवार को 90 पर्यटक वाहन परमिट लेकर गए। दशहरा उत्सव के दौरान मनाली के पर्यटन कारोबार में इजाफा होने की उम्मीद है। पहले भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और फिर आपदा के चलते पर्यटन कारोबार ठप हो गया था और कई होटलों में काम कम हो गया था।
हालांकि, पिछले साल की तुलना दशहरा सीजन में पर्यटकों की संख्या न के बराबर है, लेकिन रौनक बढ़ने से पर्यटन कारोबारियों के चेहरे खिल गए हैं। कुल्लू- मनाली के होटल कारोबारियों की मानें तो इन दिनों होटलों की ऑक्यूपेंसी 10 से 15 प्रतिशत चल रही है। वोल्वो बसों का संचालन नियमित रूप से शुरू होने के बाद पर्यटकों की संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद है। मंडी से कुल्लू तक वोल्वो शुरू हो गई है। इससे आगे भी ट्रायल के तौर पर वोल्वो बस मनाली तक पहुंच गई है। कुछ स्थानों पर सड़क को दुरुस्त करने के बाद वोल्वो बसें मनाली तक आने लगेंगी।
होटलियर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रोशन ठाकुर ने कहा कि मनाली में सब सामान्य होने लगा है। सड़कें दुरुस्त हो गई हैं। पर्यटकों का आना भी शुरू हो गया है। दशहरा सीजन के लिए भी अच्छी बुकिंग चल रही है। ट्रेवल एजेंट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष बुद्धि प्रकाश ठाकुर ने कहा कि कुल्लू तक वोल्वो नियमित चल रही है। कुल्लू से मनाली के दायरे में भी जल्द वोल्वो शुरू हो जाएगी।
प्राकृतिक आपदा के बाद इस वीकेंड पर पर्यटन स्थल खज्जियार और डलहौजी में 20 से 25 फीसदी ऑक्यूपेंसी पहुंच गई है। प्राकृतिक आपदा के चलते द्रम्मण से लेकर डलहौजी और खज्जियार तक सड़कों की खस्ता हालत भी पर्यटकों की राह रोक रही है। अब धीरे-धीरे सुनसान रहने वाले पर्यटन स्थलों में पर्यटकों की कुछ हद तक चहल-पहल देखने को मिल रही है। इससे पर्यटन कारोबार से जुड़े व्यवसायियों से लेकर छोटे कामकाज करने वाले लोेगों ने राहत की सांस ली है।
डलहौजी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र पुरी और खज्जियार होटल एसोसिएशन अध्यक्ष देसराज शर्मा ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के बाद अब कुछ हद तक पर्यटक डलहौजी, खज्जियार का रुख करने लगे हैं। धर्मशाला में मौसम खुलने के बाद पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने लगी है। इस वीकेंड पर होटलों में ऑक्यूपेंसी 20 से 25 फीसदी रही।
शिमला होटलियर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रिंस कुकरेजा ने बताया कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और फिर आपदा ने पर्यटन कारोबार को पटरी से उतार दिया। अब हालात सामान्य होने लगे हैं। ऑक्यूपेंसी भी बढ़ रही है। अभी यह 25 से 30 फीसदी है। अक्तूबर के लिए एडवांस बुकिंग आ रही है, जो राहत की बात है।