How Google Got Its Name Google का Google नाम कैसे पड़ा, क्या कभी आपने ये जानने की कोशिश की है? अगर नहीं, तो यहां हम आपको इसके पीछे की दिलचस्प कहानी बता रहे हैं जिसे सुनकर आपको हंसी जरूर आएगी. दरअसल, यह नाम किसी लॉजिक से नहीं बल्कि गलती से पड़ा था. चलिए जानते हैं इसके नामकरण का किस्सा.
गलती से पड़ा था गूगल का नाम How Google Got Its Name
आज हम जिस गूगल पर चुटकियों में कुछ भी सर्च कर लेते है. क्या आपको पता है इसकी शुरुआत कब और कैसे हुई थी? दरअसल गूगल के शुरू होने के पीछे एक बड़ी ही रोचक कहानी है, इसका नाम गलती से गूगल रख गया पहले कुछ था. गूगल की आधिकारिक शुरुआत 4 सितंबर 1998 को एक इवेंट के दौरान की गयी थी. हालांकि इस प्रोजेक्ट की शुरुआत लगभग दो साल पहले ही हो चुकी थी. स्टैनफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के दो पीएचडी के स्टूडेंट, सर्गेई ब्रिन और लैरी पेज ने एक प्रोजेक्ट के तौर पर बनाना शुरू किया था. जिसे BackRub के नाम से जाता था. लेकिन बाद में इसका नाम बदल कर गूगल रख दिया गया. इसके डोमेन को 15 सितंबर 1997 को रजिस्टर कराया गया था.
1997 में, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के दो छात्र, लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन एक सर्च इंजन पर काम कर रहे थे. दोनों ने सर्च इंजन को वेब के बैकलिंक्स को एनलाइज करने के लिए डिजाइन किया गया था जिससे वेब पेजेज का महत्व पता चल पाए. सबसे पहले इसका नाम Backrub रखा गया था. हालांकि, BackRub बहुत ज्यादा बैंडविड्थ ले रहा था, इसलिए फाउंडर्स ने दोबारा नाम पर विचार करना शुरू किया.
कैसे पड़ा Google नाम
स्टैनफोर्ड के एक और छात्र सीन एंडरसन ने googolplex शब्द का इस्तेमाल किया.फिर इसे छोटा करने के लिए लैरी ने Googol नाम रखने को कहा. जब एंडरसन ने चेक किया कि Googol.com उपलब्ध है या नहीं तो उन्होंने Google.com टाइप कर दिया. इस नाम को काफी सराहा गया. इस तरह, 15 सितंबर, 1997 को, Google नाम आधिकारिक रूप से रजिस्टर किया गया. दिलचस्प बात यह है कि Google को Google नाम देने की इस दिलचस्प कहानी ने ने ही कंपनी Alphabet की नींव रखी. अल्फाबेट भाषा का प्रतिनिधित्व करने वाले अक्षरों को इकट्ठा करने का प्रतीक है. देखा जाए तो Google नाम इंटरनेट का ही दूसरा नाम बन चुका है जो सर्च इंजन की पहचान है.
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