IAS NEHA JAIN उत्तराखंड जैसे छोटे से राज्य में ब्यूरोक्रेसी को लेकर हमेशा सवाल खड़े होते रहते हैं। यहाँ एक आईएएस के ज़िम्मे अनेकों विभाग रहते हैं और काम का बोझ ज्यादा , ऐसे में आपको एक ऐसे आईएएस के बारे में बता रहे हैं जिसकी इंसानियत और जनसेवक के रूप को देख कर देश सलाम कर रहा है। ये हैं कानपुर देहात की डीएम नेहा जैन
IAS NEHA JAIN बुजुर्ग की फरियाद पर पसीजा डीएम का कलेजा

IAS NEHA JAIN मामला बताते है की आखिर है क्या .. एक स्थानीय बुजुर्ग महिला ने अपने पति की संपत्ति को अपने नाम कराने के लिए डीएम से दरख्वास्त की। डीएम ने इस महिला को रोते हुए देखा तो खुद कुर्सी से उठकर उन्हें गले लगा लिया। दरख्वास्त को पढ़कर डीएम नेहा जैन व्यक्तिगत रूप से प्रभावित हुईं और उन्होंने तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
IAS NEHA JAIN यह एक अद्वितीय और अप्रत्याशित घटना है जो डीएम नेहा जैन के साथ घटी है। इसमें एक 77 वर्षीय व्यक्ति ने डीएम को अपना प्रार्थना पत्र सौंपा जिसमें वह अपनी समस्या को दर्शाते हुए उनसे मदद मांग रहे थे। डीएम नेहा जैन इस पत्र को पढ़ते ही भावुक हो गईं और उन्होंने अपने अधीनस्थ अफसरों को बुलाया और कुसुम सिंह को उनके सामने बुलाकर उनकी समस्या को सुनी।
IAS NEHA JAIN डीएम नेहा जैन ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल उपाय किए जिससे कुसुम सिंह की समस्या का निस्तारण हो सके। उन्होंने कुसुम सिंह को अपने सरकारी वाहन से एसडीएम के पास भेजकर तत्काल आदेश दिए जिससे कि समस्या का समाधान हो सके। इस घटना ने सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा का विषय बना है। डीएम को कुसुम सिंह के द्वारा सौंपे गए प्रार्थना पत्र की प्रति भी वायरल हो गई है। यह घटना लोगों को एक ऐसे अधिकारी के बारे में सोचने पर मजबूर करती है जो नागरिकों की समस्याओं को सुलझाने में मदद करें।
IAS NEHA JAIN सोचा राहे देर हो जाई, तो कुछ रोटियां रख ली थीं
IAS NEHA JAIN कुसुम सिंह द्वारा अपना झोला दिखाने के साथ ही, वह अपने द्वारा रखी गई रोटियों के बारे में बताते हैं कि उन्होंने उन्हें जनसुनवाई के दौरान कुछ खाने के लिए लिया था, ताकि यदि देर हो जाए तो वह उन्हें खा सकें. इससे यह स्पष्ट होता है कि कुसुम सिंह को उस समय खाने की आवश्यकता थी और उन्होंने इसे ध्यान में रखा था।जब डीएम नेहा जैन ने कुसुम सिंह से किसी अन्य तरह की मदद के लिए बात की, तो कुसुम सिंह ने उन्हें बताया कि वह केवल अपनी जमीन की समस्या का हल चाहती हैं। यह दिखाता है कि उन्हें अपनी जमीन से संबंधित मुद्दे को हल करने की जरूरत थी और वे उस समय उसी मुद्दे के बारे में बात करना चाहती थीं।
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