Lok Sabha Election उत्तराखंड में 19 अप्रैल को पहले चरण में लोकसभा की पांचों सीटों के लिए मतदान होगा. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने सभी सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए हैं. कांग्रेस की दो सीटों नैनीताल और हरिद्वार पर आखिरी वक्त तक खींचतान बनी रही तो वहीं, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कई बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस को चुनाव से पहले ही झटका दे दिया है. इस बीच बद्रीनाथ से सिटिंग विधायक , टिहरी लोकसभा के गंगोत्री विधानसभा के पूर्व विधायक विजयपाल सिंह सजवाण और पुरोला के पूर्व विधायक मालचंद कमल संग हो लिए हैं. संभावना अभी और झटकों की की जा रही है ऐसे मे सवाल है कि क्या पंजे का सूखा खत्म होगा या हालत पहले से भी विकट होगी ?
मोदी लहर के बाद सूबे में खाता भी नहीं खोल पाई कांग्रेस Lok Sabha Election

उत्तराखंड पहाड़ी सूबा है जहां प्रधानमंत्री मोदी का प्रभाव भी एक फैक्टर है तभी जानकार मानते हैं कि इस लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के लिए खाता खोलना बहुत मुश्किल लगता है.पहाड़ की सियासी हवा को परखने वाले कहते हैं कि साल 2014 और साल 2019 के लोकसभा चुनावों की तरह ही इस बार भी सूबे में मोदी मैजिक फैक्टर पूरी तरह से काम करेगा और वोट मोदी के नाम पर ही पड़ेंगे. जिसमें सीएम धामी की सॉफ्ट इमेज और बीते दिनों के बड़े सियासी फैसले भी अहम किरदार निभाएंगे। हालांकि कांग्रेस को बेहतर नतीजे मिल सकते थे अगर उनकी कश्ती के पुराने सवार दूसरी कश्ती में बैठने की बजाय पुरानी नाव की रफ्तार बढ़ाते लेकिन अब तो जनता को फैसला करना है जहाँ त्रिवेंद्र , हरीश , भट्ट , बलूनी , महारानी , टम्टा का अनुभव नतीजे तय करेगा।

10 सालों में सूबे में 27.37 फीसदी बढ़ा BJP का वोट परसेंटेज
अब 2024 का लोकसभा चुनाव है और इस बार बीजेपी ने सूबे में 75 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल करने का लक्ष्य रखा है. भारतीय जनता पार्टी का वोट शेयर सूबे में पिछले दस सालों में 27.37 फीसदी बढ़ा है. जहां 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 33.8 फीसदी वोट मिले थे, वहीं 2019 में यह वोट फीसदी 61.66 प्रतिशत पर पहुंचा था. अगर साल 2014 के लोकसभा चुनावों को देखें तो बीजेपी को सूबे में 55.9 फीसदी वोट मिले थे और कांग्रेस के खाते में 34.4 फीसदी वोट पड़े थे. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सूबे में 61.7 फीसदी वोट मिले थे और कांग्रेस का वोट पर्सेंटेज 31.7 फीसदी था।
अनिल बलूनी को मिलेगा मौका या गोदियाल मारेंगे चौका ?
अल्मोड़ा लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी अजय टम्टा हैं. पहले उनका टिकट काटे जाने की चर्चाएं जोरों पर थी। हरिद्वार लोकसभा सीट से बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र को टिकट देकर उनके दर्द को कम करने की कोशिश की है तो वहीँ पौड़ी गढ़वाल सीट से अनिल बलूनी को उनकी केंद्रीय सक्रियता का इनाम दिया है। हालांकि चौंकाते हुए पार्टी ने टिहरी सीट से महारानी को फिर मौका दिया है। नैनीताल सीट से अजय भट्ट फिर मैदान में हैं.
वहीँ बात कांग्रेस की करें तो गढ़वाल सीट से गणेश गोदियाल, टिहरी सीट से जोत सिंह गुनसोला और अल्मोड़ा सीट से प्रदीप टम्टा पार्टी के पुराने बड़े फेस हैं लेकिन क्या उनका सियासी दमखम वोट बटोर पायेगा ये बड़ा सवाल है। सबसे ज्यादा पेंचीदा सीट रही हरिद्वार जहाँ हरक , हरदा सहित कई दावेदार थे लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अंतिम समय में अपने बेटे वीरेंद्र रावत को टिकट दिला दिया है और नैनीताल सीट से युवा प्रकाश जोशी को प्रत्याशी बनाया है लेकिन इन चेहरों पर जनता कितना रीझेगी ये बड़ा सवाल है।


