Palani Murugan Temple रहस्यमयी मंदिर की ज़हरीली मूर्ति का सच !

Palani Murugan Temple अगर आप धार्मिक पर्यटन के शौकीन हैं तो भारत के मंदिरों को ज़रूर देखिये क्योंकि यहां अनेक रहस्यमयी मंदिर मौजूद हैं। ऐसा ही एक मंदिर तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले के पलनि में भी है। इस मंदिर का नाम है अरुल्मिगु दंडायुधपाणी। ये मंदिर भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय को समर्पित है। इस मंदिर में भगवन कार्तिकेय की जो प्रतिमा स्थापित है, वह बहुत ही खास है क्योंकि इसे 9 सबसे विषैले पदार्थों को मिलाकर बनाया गया है। इस मंदिर का इतिहास भी काफी पुराना है। आगे जानिए इस मंदिर से जुड़ी खास बातें…

किसने बनाई स्वामी कार्तिकेय की ये प्रतिमा ? Palani Murugan Temple

भगवान कार्तिकेय को यहां मुरुगन स्वामी के नाम से पूजा जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार, अरुल्मिगु दंडायुधपाणी मंदिर में मुरुगन स्वामी की जो प्रतिमा स्थापित है, उसे बोगार नाम के एक ऋषि ने बनाया है। ऋषि बोगार आयुर्वेद के महान विद्वान थे। उन्होंने ही 9 जहरीले पदार्थों को निश्चित अनुपात में मिलाकर इस प्रतिमा का निर्माण किया। मंदिर परिसर में ही ऋषि बोगार की समाधि भी है।

क्या है अरुल्मिगु दंडायुधपाणी मंदिर का इतिहास ?

तमिल साहित्य से इस मंदिर का इतिहास पता चलता है। कहते हैं कि इस मंदिर का निर्माण 5वीं-6टीं शताब्दी में चेर वंश के राजा चेरामन पेरुमल ने करवाया था। इसके बाद पांड्य वंश के राजाओं ने भी इस मंदिर को विशाल रूप दिया। मंदिर तक पहुंचने के लिए 689 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। मंदिर के गर्भगृह में जाने की इजाजत किसी को भी नहीं है, इसलिए इस प्रतिमा को कोई छू भी नहीं सकता। इस मंदिर का प्रसाद भी बहुत खास है, जिसे पंचतीर्थम प्रसादम कहा जाता है। इस प्रसाद का निर्माण केला, घी, इलायची, गुड़ और शहद से किया जाता है। इस प्रसाद को GI टैग मिला हुआ है।

कैसे पहुंचें अरुल्मिगु दंडायुधपाणी ?

– पलनि रेलवे स्टेशन कोयंबटूर-रामेश्वरम रेललाइन पर स्थित है। मदुरै, कोयंबटूर और पलक्कड से यहां के लिए ट्रेनें चलती हैं।पलनि का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट कोयंबटूर में है, जो लगभग 100 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यहां से टैक्सी या बस से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। पलनि तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग भी अच्छा माध्यम है। ये शहर सभी राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ा हुआ है। तो अगला ट्रिप आज ही कर लीजिये फ़ाइनल