Popcorn Brain Fever सोशल मीडिया का नाम सुनते ही, आंखों के आगे फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट और एक्स जैसे प्लेटफॉर्म की तस्वीर तैरती हुई दिखाई देती है. सोशल मीडिया पर शॉर्ट्स, वीडियो और लाइव की सुविधा मिलने के बाद इनका यूज और तेजी से बढ़ा है. फेसबुक ने 2017 में एक डेटा शेयर किया था, जिसमें कंपनी ने बताया था कि रोजाना एक आम यूजर 300 फीट स्क्रीन स्क्रॉल करता है और ये महीने में 2.7 किमी हो जाता है. आपको बता दें उस समय सोशल मीडिया पर शॉर्ट्स और वीडियो का चलन नहीं था, ऐसे में अब ये आंकड़ा पहले के मुकाबले काफी ज्यादा हो गया होगा.
पॉपकॉर्न ब्रेन का ‘बुखार’, कहीं आपको तो नहीं ? Popcorn Brain Fever

सोशल मीडिया की इस लत की बदौलत अब यूजर्स में नई-नई बीमारियां देखने को मिल रही हैं. हाल ही में सोशल मीडिया यूजर्स में पॉपकॉर्न ब्रेन की समस्या देखी गई है. अगर आप इस बीमारी के बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं, तो यहां हम इसके बारे में बता रहे हैं. कहीं आप भी तो इस बीमारी के शिकार तो नहीं हो रहे.
कैसे पता करें ‘पॉपकॉर्न ब्रेन’
अगर आप सोशल मीडिया यूज करते हैं और इसके बाद किसी काम को फोकस करके पूरा नहीं कर पाते हैं? तो आप पॉपकॉर्न ब्रेन से पीड़ित हो सकते हैं. पॉपकॉर्न ब्रेन मनोविज्ञान का टर्म है और 2011 में डीडब्ल्यू आई स्कूल के शोधकर्ताओं ने इस टर्म को नाम दिया था. इसमें दिमाग डिजिटल दुनिया की तरह मल्टीटास्किंग और स्क्रॉलिंग का आदी हो जाता है और दिमाग काम करने के दौरान वैसे ही रियेक्ट करता है और आपके विचार पॉपकॉर्न की तरह इधर-उधर घूमने लगते हैं.

ऑनलाइन ज्यादा समय बिताने से पॉपकॉर्न ब्रेन एक आम समस्या बनती चली जा रही है. कई स्टडी के मुताबिक फोन, कम्प्यूटर और सोशल मीडिया के लगातार उपयोग से हमारे मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है. साथ ही इससे हमारी ध्यान की अवधि पर भी नेगेटिव प्रभाव पड़ता है.पॉपकॉर्न ब्रेन में आप किसी काम पर फोकस नहीं कर पाते हैं. अगर इसका सही समय पर इलाज न हो तो धीरे-धीरे लर्निंग और मेमोरी पर भी नेगेटिव असर पड़ता है. साथ ही इससे आपके इमोशन पर भी असर पड़ता है. वहीं कई लोगों में एंग्जायटी की भी परेशानी देखने को मिली है.

कैसे करें बचावइससे बचने के लिए सिंगल टास्किंग पर फोकस करें इससे बचने के लिए कुछ तरीके हैं. समय-समय पर डिजिटल डिटॉक्स करें, तय समय तक डिजिटल डिवाइस से दूरी बनाएं. साथ ही मल्टीटास्किंग की जगह सिंगल टास्किंग पर फोकस करें. यानी एक वक्त में एक ही टास्क पर फोकस करें. पढ़ने और व्यायाम के लिए भी समय निकालें. इसके अलावा रोज 10 मिनट मेडिटेशन से अपने फोकस को बेहतर करें.