Purnagiri Mela: मां पूर्णागिरि मेला शुरू, पढ़िए शक्तिपीठ का इतिहास

Purnagiri Mela: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ठूलीगाड़, टनकपुर (चम्पावत) में आयोजित उत्तर भारत के प्रसिद्ध माँ पूर्णागिरि मेला का शुभारंभ किया। उन्होंने मां पूर्णागिरी को नमन करते हुए प्रदेश में समृद्धि, तरक्की और शांति की कामना की। मुख्यमंत्री ने इस दौरान संपूर्ण पूर्णागिरी मेला क्षेत्र में भीड़ व आपदा प्रबंधन की दृष्टि से स्मार्ट कंट्रोल रूम व सीसीटीवी निगरानी तंत्र ठुलीगाड़ में स्थापित किए जाने , पूर्णागिरि मेले हेतु सेलागाढ़ में बहुउद्देशीय प्रशासनिक भवन बनाए जाने (जिसमें मेला मजिस्ट्रेट, मेला अधिकारी व पुलिस के साथ ही चिकित्सकों को एक साथ एक स्थान पर कार्य करने की सुविधा मिलेगी)। पूर्णागिरि क्षेत्र में लादीगाड़ में पूर्णागिरि पंपिंग पेयजल योजना बनाई जाने एवं पूर्णागिरि क्षेत्र में ठुलीगाड़, बाबलीगाड़ पंपिंग परियोजना बनाए जाने की घोषणा की

Purnagiri Mela

मुख्यमंत्री ने मां पूर्णागिरि मेले का किया शुभारंभ Purnagiri Mela

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मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की भूमि को देवी- देवताओं का भूमि बताते हुए कहा कि प्रदेश के कण-कण में दिव्यता समाई हुई है। उन्होंने कहा माँ पूर्णागिरि धाम, उत्तराखंड का प्रमुख आध्यात्मिक स्थल है। उन्होंने कहा वो हमेशा अन्य लोगों को भी धार्मिक यात्रा के लिए माँ पूर्णागिरि आने हेतु आग्रह करते हैं। कुंभ और कांवड़ यात्रा के बाद सबसे अधिक श्रद्धालु माँ पूर्णागिरि के धाम पर आते हैं। उन्होंने कहा राज्य सरकार मेले को वर्षभर संचालित करने के लिए संकल्पित है। जिसके लिए पूर्णागिरि धाम में स्थायी बुनियादी ढांचों का विकास किया जा रहा है। आगामी वर्षों में यह स्थान और भव्य एवं सुव्यवस्थित रूप लेगा, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएँ मिल सकेंगी।

पर्यटन व रोजगार को बढ़ाने के हो रहे ठोस कार्य: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से चम्पावत के अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा करने का आग्रह करते हुए कहा कि हमने भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने के साथ यात्रा का आध्यात्मिक अनुभव भी लेना चाहिए। राज्य सरकार माँ पूर्णागिरि धाम के विकास के लिए सतत प्रयासरत है और आने वाले समय में इसे एक विशाल आध्यात्मिक एवं पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करेगी। माँ पूर्णागिरि धाम में रोपवे निर्माण कार्य भी जारी है, जिससे यात्रियों को सुगम यात्रा का अनुभव मिलेगा। उन्होंने कहा पूर्णागिरि धाम के आसपास स्थित सभी प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों को जोड़कर एक विशेष पर्यटन सर्किट विकसित किया जा रहा है जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सालभर आकर्षित किया जा सकेगा।

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चंपावत संस्कृति,आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम – मुख्यमंत्री

टनकपुर स्थित मां पूर्णागिरि शक्तिपीठ(Purnagiri Mela) की उत्तर भारत में काफी मान्यता है. यह मंदिर नेपाल से निकलने वाली काली नदी के किनारे अन्नपूर्णा चोटी पर स्थित है. माता का यह प्रसिद्ध मंदिर समुद्र तल से 3,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. ऐसे में मां के दर्शन के लिए लोगों को कठिन चढ़ाई कर चोटी पर पहुंचना होता है. शारदा नदी के पास स्थित पूर्णागिरी मंदिर अपने चमत्कारों के लिए भी प्रसिद्ध है। ऐसी मान्यता है कि इसी स्थान पर देवी सती की नाभि गिरी थी। पूर्णागिरी को पुण्यगिरि के नाम से भी जाना जाता है। शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर आप इस शक्तिपीठ के दर्शन का पुण्यलाभ पाने ‘देवभूमि’ उत्तराखंड अवश्य आएं।

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