Reels Side Effects आज भारत में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला कंटेंट यूट्यूब शॉर्ट्स और इंस्टा रील्स बन चुका है। भारत में लगभग 95% व्यक्ति रील्स का उपयोग करते हैं और यह उनकी एक आदत की तरह बन चुका है, वे हर दिन लगभग 5-6 घंटे का बहुमूल्य समय इन कंटेंट पे बीतता है , और इनमे अब इनका कोई जोर नहीं चल सकता , क्युंकि वे इन कंटेंट को परोसने वालों की चपेट में बुरी तरह आ चुके हैं। प्रायः जागरूकता की कमी के कारण इसकी अनुमति भी स्वयं उपभोगता ही देता है। चाहे कोई भी वर्ग हो छोटे बच्चे , युवा वर्ग ,महिला वर्ग , बुजुर्ग वर्ग सभी इन कंटेंट्स का भरसक उपयोग करते हैं।
रील्स और शॉर्ट्स देखना बीमारी Reels Side Effects

कैसे आते हैं आप इनकी चपेट में
Instagram का एल्गोरिद्म Meta कंपनी की इंजीनियर, डेटा साइंस और मशीन लर्निंग टीम द्वारा विकसित और संचालित किया जाता है। यह एल्गोरिद्म हर यूज़र के व्यवहार, पसंद और गतिविधि को समझकर तय करता है कि कौन-सा कंटेंट उसे दिखाया जाए या किसे काम दिखाया जाये। इसके लिए यह यूज़र के लाइक, कमेंट, शेयर, वॉच टाइम, सर्च हिस्ट्री और इंटरैक्शन( लोगों सेआपके सम्बन्ध जैसे दोस्त ,भाई ,बहन इत्यादि ) जैसे सैकड़ों संकेतों (signals) का विश्लेषण करता है। मशीन लर्निंग मॉडल इन डेटा से सीखता है और हर पोस्ट या रील को “रैंक” देता है—जो कंटेंट ज़्यादा आकर्षक, उपयोगी या लोकप्रिय होता है, उसे अधिक लोगों तक पहुँचाया जाता है। Instagram के भीतर अलग-अलग फीचर्स (जैसे Feed, Stories, Explore, Reels) के लिए अलग एल्गोरिद्म काम करते हैं, जो यूज़र की रुचि और गतिविधि के आधार पर कंटेंट को प्राथमिकता देते हैं।

Meta की नीतिगत टीम यह सुनिश्चित करती है कि एल्गोरिद्म हानिकारक या भ्रामक कंटेंट को कम फैलाए और सुरक्षित कंटेंट को बढ़ावा दे परन्तु ऐसा काम ही हो पाता है , भ्रामक कंटेंट को रोकना कभी कभी काफी मुश्किल हो जाता है। इस सिस्टम की लगातार निगरानी, अपडेट और परीक्षण किया जाता है ताकि यूज़र्स को प्लेटफ़ॉर्म पर ज़्यादा समय तक जोड़े रखा जा सके। कुल मिलाकर, Instagram का एल्गोरिद्म कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मानव निर्णय का मिश्रण है, जिसका उद्देश्य उपयोगकर्ता को अधिक आकर्षक कंटेंट दिखाना और अपने साथ लम्बे समय तक जोड़े रखना है।

कौन करता है इन अल्गोरिथ्म्स को मैनेज ?
Instagram ,व्हाट्सप्प और यूट्यूब के एल्गोरिद्म को Meta Platforms Inc. की विशेषज्ञ टीम मैनेज करती है, जिसमें सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डेटा वैज्ञानिक, मशीन लर्निंग इंजीनियर, प्रोडक्ट मैनेजर और पॉलिसी एक्सपर्ट शामिल होते हैं। ये सभी मिलकर तय करते हैं कि प्लेटफ़ॉर्म पर कौन-सा कंटेंट दिखाया जाए और कैसे। एल्गोरिद्म लगातार यूज़र्स के व्यवहार से डेटा इकट्ठा करता है—जैसे लाइक, कमेंट, वॉच टाइम, सर्च और इंटरैक्शन—और उसी के आधार पर सीखता है कि किसे क्या पसंद है। Meta की AI और डेटा टीम इन एल्गोरिद्म को समय-समय पर अपडेट करती रहती है ताकि वे और बेहतर तरीके से काम करें। साथ ही, नीतिगत और सुरक्षा टीम यह सुनिश्चित करती है कि कोई भ्रामक, हानिकारक या अनुचित कंटेंट अधिक न फैले। एल्गोरिद्म की निगरानी और सुधार के लिए टेस्टिंग और मॉनिटरिंग सिस्टम भी चलते रहते हैं। इस तरह Instagram का एल्गोरिद्म मानव नियंत्रण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का संयोजन है।

आइये अब इसके प्रभाव और रोकथाम के बारे में बात करते हैं –
प्रभाव – 1- निर्णय लेने की अक्षमता
2- हमेशा स्वयं से आत्मसंतोष की कमी
3 – जीवन में नीरसता का भाव
4- मानसिक रोग जैसे ओवरथिंकिंग ,डिप्रेशन , मूड का अस्थिरपन , चिड़चिड़ापन इत्यादि।
रोकथाम –
1- केवल जरुरत जितना ही उपयोग करना
2- नित्य प्रतिदिन व्यायाम करना
3- जर्नलिंग यानि अपने मन के विचारों को कागज़ पे लिखना
4- हर दिन आधे घंटे का आध्यात्मिक चिंतन
5- यदि परेशानी ज्यादा हो तो मानसिक रोग विषेशज्ञ से नियमित मिलना।

