देहरादून से अनीता तिवारी की रिपोर्ट –
religious tourism India रिलीजियस टूरिज्म के मामले में पर्यटन मंत्रालय के नए आंकड़े हैरान करने वाले हैं. साल 2022 में मंदिरों से कुल कमाई 1.34 लाख करोड़ हुई. जो 2021 में 65 हजार लाख के आसपास थी. इससे एक साल पहले यानी साल 2020 में 50,136 करोड़, 2019 में 2,11,661 करोड़ और 2018 में 1,94,881 करोड़ की कमाई हुई थी.
क्या होता है धार्मिक पर्यटन religious tourism India

देशभर में देवभूमि की अहमियत बेहद ख़ास है यहाँ कदम कदम पर तीर्थ , शक्तिपीठ , मंदिर और पौराणिक स्थल मौजूद है। लिहाज़ा यहाँ धार्मिक पर्यटन बेहद ख़ास माना जाता है। धार्मिक पर्यटन में लोग युगों-युगों से धार्मिक स्थलों की यात्रा करते रहे हैं. लेकिन, कुछ दशकों पहले तक यह यात्रा समाज के उच्चतम वर्ग के लोगों तक ही सीमित थी. लेकिन आज धार्मिक पर्यटन एक विशिष्ट बाजार है, जिसमें लोग धार्मिक स्थलों, तीर्थ स्थलों को देखने के लिए देश और विदेशों में यात्रा करते हैं.
साल 2022 में उत्तराखंड के चार धामों की यात्रा करने लगभग 40 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे थे. जबकि यही आंकड़ा साल 2019 में 32 लाख का था. श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के आंकड़ों की मानें तो साल 2018 में यहां 7,32,241 तीर्थयात्रियों, 2019 में 10,00,021 तीर्थयात्रियों, 2020 में 1,34,881, 2021 में 2,42,712 तीर्थयात्रियों और 2022 में 14,25,078 तीर्थयात्रियों ने केदारनाथ मंदिर के दर्शन किये.
सरकार के आंकड़ों की मानें तो साल 2022 के जुलाई महीने में वाराणसी में 40.03 लाख घरेलू पर्यटक पहुंचे. जबकि एक साल पहले यानी जुलाई 2021 में यह आंकड़ा 4.61 लाख का था. इस आंकड़े से साफ है कि पिछले एक साल में वाराणसी में 10 गुना पर्यटकों की बढ़ोतरी हुई. वहीं विदेशी पर्यटकों की बात करें तो 2021 के जुलाई में वाराणसी में केवल 72 विदेशी पर्यटक पहुंचे थे. लेकिन यही आंकड़ा साल 2022 के जुलाई में बढ़कर 12,578 हो गया. पिछले साल की तुलना में लगभग 174 गुना बढ़ोतरी.
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने क्या प्रयास किए
बीते कुछ सालों में धार्मिक पर्यटन पर जोर देने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं. इनमें सबसे प्रमुख कार्य बुनियादी ढांचे के निर्माण से जुड़ा हुआ है. बीते कुछ सालों में सरकार ने तीर्थ स्थानों तक पहुंचने के लिए रोडवेज, सड़क और एयरपोर्ट का निर्माण किया है. ताकि वहां पहुंचने की इच्छा रखने वाले पर्यटकों को ज्यादा मुश्किलों का सामना न करना पड़े.
इसके अलावा धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही है. जैसे की पर्यटन मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही प्रसाद योजना. इस योजना के तहत सेलेक्टिव तीर्थ स्थानों में इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण किया जा रहा है. इसके अलावा पंजाब सरकार ने निशुल्क तीर्थ यात्रा योजना की शुरुआत की है. जिसके अंतर्गत 7 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को निशुल्क तीर्थ यात्रा कराई जाती है.
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