Teacher Ki Ladai Ka Video महिला टीचरों में दंगल , वायरल वीडियो

Teacher Ki Ladai Ka Video आपने महिलाओं को जुगलबंदी में बतियाते , गॉसिप और गुटरगूं करते तो खूब देखा होगा। लेकिन अक्सर कुछ ऐसा नज़ारा भी आँखों के सामने आ जाता है जो बेहद जाता है। कुछ यही हुआ है एक स्कूल में जहाँ दो महिला टीचरों में ऐसी मार हुई कि उनका वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया। जहां लोगों ने पूछा कि वीडियो बनाने वालों को शर्म नहीं आई। वह दोनों को शांत करवाने की बजाय सिर्फ मूकदर्शक बनकर देखते रहे। वैसे इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है?


खरगोन जिले के एकलव्य स्कूल में ऐसा ‘कलेश’ हुआ कि इंटरनेट की जनता दंग रह गई। यहां स्कूल की महिला प्राचार्य प्रवीण दहिया और लाइब्रेरियन मधुरानी के बीच किसी बात को लेकर बात इतनी बढ़ गई कि दोनों ने एक-दूसरे को थप्पड़ मारे, बाल पकड़कर घसीटा और मोबाइल तोड़ डाला, और ये सब कैमरे में कैद हो गया!यह वीडियो सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म से शेयर किया जा रहा है, जिसे @nitendrasharma2 नामक यूजर ने X पर पोस्ट किया और लिखा – खरगोन के एकलव्य स्कूल में प्राचार्य और लाइब्रेरियन में हुई मारपीट, घटना के बाद दोनों को स्कूल से हटाया।

लिंक क्लिक कर देखिये दंगल –https://twitter.com/i/status/1918671364950811039

जांच के बाद दोनों को पद से हटाकर सहायक आयुक्त प्रशांत आर्या के कार्यालय में अटैच किया गया है। अब घटना का वीडियो वायरल हो रहा है, और सोशल मीडिया यूजर्स बोल रहे हैं कि अगर टीचर ही ऐसे भिड़ेंगे तो बच्चों को क्या सिखाएंगे?यह ‘टीचर वर्सेस टीचर’ फाइट का वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया। वीडियो में दोनों महिलाएं एक-दूसरे को मारती-पीटती, भद्दी बातें बोलती और एक दूसरे का सिर दीवार पर पटकती दिख रही हैं, जबकि बाकी स्टाफ मूकदर्शक बना रहा है। जबकि कुछ तो वीडियो बनाने में ही व्यस्त थे!


इस विवाद की जड़ व्यक्तिगत ईगो और काम के बंटवारे को लेकर मतभेद बताई जा रही है। दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई और इलाज के लिए अस्पताल भी पहुंचीं। मामला कलेक्टर तक पहुंचते ही दोनों को स्कूल से हटा दिया गया है, और रिपोर्ट दिल्ली भेजी गई है, क्योंकि ये स्कूल केंद्र सरकार की योजना के तहत चलता है। इस मामले पर यूजर्स पूछ रहे हैं- अगर टीचर ही ऐसे भिड़ेंगे तो बच्चों को क्या सिखाएंगे? शिक्षा के मंदिर में ‘क्लास’ की जगह ‘कलेश’, लेकिन सच्चाई तो ये है की ऐसे विवाद कहीं न कहीं गुरु की गरिमा को ठेस ज़रूर लगती है।