Teacher Viral Video कहते हैं कि एक शिक्षक की गोद में विनाश और विकास दोनों पलते हैं. हालांकि कुछ शिक्षक होते हैं जो इस चीज को मजाक लेते हैं. ऐसी ही एक घटना इन दिनों चर्चा में है, जो अपने आप में सवाल खड़े करती है कि अगर प्राथमिक स्तर पर पढ़ाने वाले ही सही ज्ञान न दें, तो बच्चों की नींव कैसे मजबूत होगी. वीडियो छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के एक सरकारी स्कूल का वीडियो सामने आया, जिसने शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर चर्चा छेड़ दी. यह मामला प्राथमिक शाला मचांड़ान्ड कोगवार का है, जहाँ सहायक शिक्षक प्रवीण टोप्पो बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाते दिखाई दिए, लेकिन जिस तरीके से वे पढ़ा रहे थे, उसने सभी को हैरान कर दिया.

वीडियो में मास्टर जी बच्चों को शरीर के अलग अलग अंगों के नाम अंग्रेजी में लिखना और बोलना सिखा रहे थे. यह एक आम कक्षा की तरह ही लग रही थी, जहाँ छोटी कक्षा के बच्चे ध्यान से ब्लैकबोर्ड देख रहे थे. लेकिन बच्चों को जो शब्द बोर्ड पर लिखकर बताए जा रहे थे, वे पूरी तरह गलत थे. उनके उच्चारण से लेकर वर्तनी तक कई तरह की गलतियाँ साफ दिख रहीं थीं.
क्या दिखा इस वीडियो में? – https://twitter.com/i/status/1990453326283169844

उदाहरण के तौर पर, Nose जिसे सही तरीके से N O S E लिखा जाता है, उसे शिक्षक ने N O G E लिखकर पढ़ाया. Eye का spelling E Y E होता है, लेकिन उन्होंने Iey लिख दिया. Ear का सही spelling E A R है, जबकि उन्होंने Eare लिखा. ये केवल एक दो शब्द की गलती नहीं थी, बल्कि इस तरह की त्रुटियां लगातार दिख रही थीं. बच्चे मास्टर जी की बातों पर भरोसा करते हुए वही दोहरा रहे थे, जिसका असर उनकी सीखने की प्रक्रिया पर सीधा पड़ता.

किसी ने यह पूरा दृश्य अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया और वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया. धीरे धीरे यह वीडियो अलग अलग प्लेटफॉर्म पर फैलने लगा. लोगों ने इस पर तरह तरह की प्रतिक्रियाएं दीं. कई लोग नाराज दिखे कि शिक्षक की ऐसी लापरवाही बच्चों के भविष्य को प्रभावित कर सकती है. वहीं कुछ ने शिक्षा विभाग से सख्त कदम उठाने की मांग की. वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला जिले के अधिकारियों तक पहुंच गया. विभाग ने तुरंत जांच करवाई और पाया कि शिक्षक ने वास्तव में बच्चों को गलत वर्तनी पढ़ाई थी. इसे गंभीर चूक मानते हुए उन्हें निलंबित करने का निर्णय लिया गया. विभाग का कहना था कि शिक्षक की ऐसी गलती सिर्फ एक छोटी भूल नहीं थी, बल्कि बच्चों की बुनियादी शिक्षा के साथ खिलवाड़ के समान थी.

