लखनऊ: Useless Stamp Papers: उत्तर प्रदेश में 10 हजार रुपये से 25 हजार रुपये तक के स्टांप पेपर 31 मार्च के बाद से विधिमान्य नहीं माने जाएंगे। 11 मार्च 2025 से पहले खरीदे गए इस मूल्य वर्ग के स्टांप पेपर मात्र 31 मार्च, 2025 तक उपयोग किये जा सकेंगे अथवा वापस किए जा सकते हैं। योगी सरकार के इस फैसले से यूपी के सभी 75 जिलों की ट्रेजरी में रखे गए 56.29 अरब के स्टांप पेपर रद्दी हो जाएंगे। अकेले लखनऊ की ट्रेजरी में रखे एक अरब 32 करोड़ के स्टांप पेपर रद्दी हो जाएंगे।
इस संबंध में शासन की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गइ है। समस्त आयुक्त स्टांप, महानिरीक्षक निबंधन, समस्त मंडल आयुक्त तथा समस्त जिलाधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया है। योगी सरकार ने 11 मार्च को इन स्टांप पेपरों को शून्य करने का आदेश दिया था। इसके बाद प्रदेश भर की ट्रेजरी से स्टांप पेपरों की संख्या की जानकारी जुटाई गई। सभी जिलों से 56 अरब 29 करोड़ के स्टांप पेपर पाए गए हैं।
Useless Stamp Papers: स्टांप पेपर वापसी के लिए शुरू हुई भाग-दौड़
योगी सरकार का आदेश आने के बाद पूरे यूपी में स्टांप पेपर की वापसी के लिए भाग-दौड़ शुरू हो गई है। वकीलों से लेकर स्टांप वेंडर तक आम आदमी से लेकर रजिस्ट्री कराने वालों ने वापस लौटाना शुरू कर दिया है। यह आदेश प्रदेश में स्टांप प्रणाली में पारदर्शिता लाने और वित्तीय गड़बडि़यों को रोकने के लिए उठाया गया है। स्टांप पेपर्स के साथ अक्सर धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज और कर चोरी के मामले सामने आते रहते हैं जिन्हें ई स्टांप प्रणाली से रोका जा सकेगा। ई स्टांप पेपर के जरिये सरकारी खजाने को भी लाभ होगा क्योंकि स्टांप पेपर की खरीद फरोख्त पूरी तरह से डिजिटल होगी।