Uttarakhand Disaster सीएम धामी ने मानसून के दौरान किसी भी भूस्खलन की आपात स्थिति के दौरान घटना स्थल पर 15 मिनट के भीतर अनिवार्यतः जेसीबी पहुंचाने के सख्त निर्देश लोक निर्माण विभाग सहित सम्बन्धित अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने तत्परता से राज्य का लैण्डस्लाइड मैप तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बरसात से पहले राज्य के सभी पुलों का सुरक्षा ऑडिट करते हुए सम्बन्धित सचिव को विशेषरूप से हल्द्वानी से कैंचीधाम, अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ रुट के पैच वर्क एवं राज्य के सभी पुलों की समीक्षा हेतु तत्काल निरीक्षण दौरा करने के निर्देश दिए हैं। मानसून सीजन एवं मेडिकल आपातकाल के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने पुरानी एम्बुलेंस वाहनों को तत्परता से बदलने के निर्देश दिए हैं ।
संवेदनशील स्थलों का सुरक्षा वेरिफिकेशन के निर्देश Uttarakhand Disaster
भूस्खलन में 15 मिनट में पहुंचे जेसीबी – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री धामी ने मेडिकल इमजेंसी जैसी स्थिति की दृष्टि से पिथौरागढ़ एक अतिरिक्त हैलीकॉप्टर की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने पिथौरागढ़ में हैलीपेड एवं एयपोर्ट निर्माण सम्बन्धित कार्यवाही को तीव्र करने के निर्देश जिलाधिकारी को दिए हैं। सीएम ने मानसून के दौरान जीर्ण शीर्ण विद्यालयों का चिन्हीकरण करते हुए इनमें विद्यार्थियों का पठन-पाठन बन्द करवाते हुए तत्काल प्रभाव से शेल्टर की व्यवस्था करने के निर्देश शिक्षा विभाग एवं जिलाधिकारियों को दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने स्कूल, अस्पतालों, आश्रमों जैसे स्थलों संवेदनशील स्थलों का सुरक्षा की दृष्टि से वेरिफिकेशन करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने जलाश्यों की नियमित मॉनिटरिंग करते हुए नियमित रूप से सिल्ट हटाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार एवं उधमसिंह नगर जेैसे मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति के स्थायी समाधान एवं जल निकासी को लेकर विशेषज्ञ एंजेसी की सहायता से सर्वे करते हुए प्रभावी कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य में आपदा के रिस्पॉन्स एवं पूर्व तैयारियों के मामलों में अधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए कि जनजागरूकता हेतु आपदा से सम्बन्धित टॉल फ्री नम्बर, सचेत एप आदि का समुचित प्रचार प्रसार किया जाए। उन्होंने सभी विभागों को आपदा के मामलों को शीर्ष प्राथमिकता पर लेते हुए टीम भावना एवं प्रभावी समन्वय से कार्य करने की नसीहत दी। इसके साथ ही उन्होंने एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ के जवानों की मदद हेतु स्थानीय लोगों को भी आपदा राहत एवं बचाव कार्यों में शामिल करने एवं प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी अस्पताल, स्कलों, आश्रम सहित सभी सवेदनशील जगहों पर बिजली के खुले तारों को सुरक्षित कवर करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को तत्परता से मलबा हटवाने की कार्यवाही भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।