Uttarakhand Disaster बादल फटा, तबाही से हड़कंप

Uttarakhand Disaster  एक बार फिर उत्तराखंड से बड़े हादसे की खबर सामने आई है। चमोली जिले में शनिवार सुबह-सुबह अचानक बादल फटने से कई घरों पर मलबा गिर गया। हादसा होते ही चीख-पुकार मच गई, किसी तरह लोग जान बचाकर घरों से भागे। बताया जाता है कि मलबे में एक महिला दब गई है औरप कई घर पूरी तरह से टूट गए हैं। हादसे की खबर लगते ही चमोली जिले की पुलिस और ज़िला मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे। मौके पर राहत बचाव का कार्य किया जा रहा है। साथ ही आसपास के जर्जर हालत वाले मकानों से लोगों को निकलने का आदेश भी दिया गया है।

 

चमोली में बादल फटने से तबाही घरों में घुसा मलबा Uttarakhand Disaster

Uttarakhand Disaster
चमोली जिले के थराली में अचानक आए पानी और मलबे से बाजार, सड़कें और घर तबाह हो गए। बताया जा रहा है कि तहसील परिसर में मलबा भर गया और कई गाड़ियां उसमें दब गईं।लोगों में दहशत, चीख-पुकार मच गई। एक महिला के दबने और कई घरों के टूटने की खबर है। प्रशासन और राहत टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और बचाव कार्य जारी है।


थराली बाजार में कई दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं। चेपड़ो बाजार में भी कई दुकानें मलबे की चपेट में आईं और यहां से एक शख्स के लापता होने की खबर है। सागवाड़ा गांव में एक युवक के मलबे में दबे होने की सूचना है। कई घर भी पूरी तरह मलबे में दब गए हैं। थराली-ग्वालदम मार्ग और थराली-सागवाड़ा मार्ग मलबे से बाधित हैं। लोग रात 12 बजे से सड़कों पर खड़े हैं और कई अभी भी फंसे हुए बताए जा रहे हैं।


SDRF की टीमें गौचर से थराली रवाना की गई हैं। NDRF, SDRF, पुलिस और स्थानीय प्रशासन राहत-बचाव कार्य में जुटे हैं। जानकारी के मुताबिक SDM आवास भी मलबे की चपेट में आया है।चमोली के DM ने कहा है कि “बादल फटने से काफी नुकसान हुआ है। कई मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और राहत-बचाव कार्य जारी है।” अब तक 1 शख्स लापता और 1 लड़के के दबे होने की खबर सामने आई है।

हादसे पर मुख्यमंत्री धामी ने घटना पर दुख जताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “देर रात चमोली जिले के थराली में बादल फटने की दुखद सूचना मिली है। जिला प्रशासन, NDRF, SDRF और पुलिस राहत व बचाव कार्य में जुटे हैं। मैं लगातार स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हूं और हालातों की गहन निगरानी कर रहा हूं। ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।” उम्मीद की जानी चाहिए कि लोग सुरक्षित हों और आपदा भीषण न हो।