Varanasi dog passport गली-गली घूम रहे आवारा कुत्तों से पीछा छुड़ाने और उनके काटने से रोजाना परेशान हो रही जनता की परेशानी दूर करने के लिए एक अनूठा फॉर्मूला तलाशा गया है. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गली के दो आवारा कुत्तों के पासपोर्ट तैयार किए गए हैं. अब इन्हें विदेश भेजकर वहीं बसाया जाएगा. इसके लिए दोनों कुत्तों के मालिक भी तलाशे जा चुके हैं. दोनों कुत्ते अब जल्द ही अपने नए घर जाने के लिए हवाई जहाज में बैठकर विदेश यात्रा करेंगे.
Varanasi dog passport एक को नीदरलैंड्स और दूसरे को इटली में मिलेगा घर

Varanasi dog passport उत्तर प्रदेश के बनारस की गलियों में घूमने वाले एक कुत्ते की किस्मत बदल गई है। देसी कुत्ता अब विदेशी होने जा रहा है। बनारस के एक कुत्ते का पासपोर्ट बना है और वह वीजा लेकर अब इटली जाने वाला है।जी हां, यकीन करना मुश्किल है, लेकिन ये सच है। इस कुत्ते का नाम मोती है। भारत का स्ट्रीट डॉग मोती अब इंडो-इटालियन बनने के लिए पूरी तरह तैयार है।
Varanasi dog passport वाराणसी की सड़कों पर रहने वाला यह कुत्ता मोती देसी जरूर है, लेकिन अब यह आम कुत्ता नहीं रह गया है। इटली की एक लेखिका वेरा लाजारेट्टी, जो अपने रिसर्च वर्क के लिए पिछले 10 सालों से भारत के दौरे पर हैं। उन्होंने मोती को अधिकारिक तौर पर गोद ले लिया है। लेखिका वेरा लाजारेट्टी का कहना है कि वो मोती एक लग्जरी लाइफ देना चाहती हैं, इसलिए उन्होंने इसे गोद लिया। लेखिका वेरा लाजारेट्टी ने बताया कि उसने मोती के साथ सड़कों पर क्रूरता होते देखा था।
Varanasi dog passport दरअसल ये विदेश में रहने वाले दो लोगों के कुत्तों से प्यार का नतीजा है, जिसमें उनकी मदद एक स्थानीय एनजीओ कर रहा है. दरअसल पिछले दिनों नीदरलैंड्स निवासी मीरल वाराणसी घूमने आई थीं. वहां उन्होंने गंगा घाट पर एक आवारा कुतिया बेहद बुरी हालत में मिली. इस कुतिया का नाम उन्होंने जया रखा और उसे इलाज के लिए एनिमयर केयर ट्रस्ट संस्था से संपर्क किया. उन्होंने जया के ठीक होने तक उसका इलाज कराया. इसके बाद वापस लौटते समय उसे अपने पास नीदरलैंड्स ही बुलाकर रखने का वादा किया. इसके तहत ही जया का पासपोर्ट बनवाया गया और अब नीदरलैंड्स भेजने का इंतजाम किया जा रहा है.
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