अनीता तिवारी की रिपोर्ट –
Weather Alert उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक बीते दो दिनों से रुक-रुककर लगातार हो रही बारिश के कारण जहां आवागमन प्रभावित हो रहा है, वहीं नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है। बदरीनाथ और हाईवे बंद होने के कारण कई तीर्थयात्री और स्थानीय लोग भी जगह-जगह पर फंस गए थे। प्रशासन की टीम ने कई यात्रियों को तो आसपास ही रुकवा दिया, जबकि कई यात्री मार्ग खुलने के बाद रवाना हुए। इधर, खराब मौसम के कारण केदारनाथ यात्रा लगातार दूसरे दिन भी बंद रही।
बारिश और मलबा आने से राज्य में 324 मार्ग बंद हैं Weather Alert
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, सबसे अधिक 57 मार्ग पौड़ी जिले में बंद हैं। नैनीताल में 56, चमोली में 50, पिथौरागढ़ में 42, चंपावत में 39, अल्मोड़ा, टिहरी और रुद्रप्रयाग में 17-17, देहरादून में 13, बागेश्वर में नौ, उत्तरकाशी में पांच, ऊधमसिंह नगर दो सड़कें बंद है। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के मुताबिक, कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है, जिससे मार्ग खोलने में समस्या आ रही है। कई जगह मार्ग खोले गए, पर बाद में भूस्खलन से फिर बंद हो गये है।
वहीं, चमोली के ज्योतिर्मठ में सुराई थोटा पर मलबा आने के कारण मलारी हाईवे दो जगह पर बंद हो गया। इससे 47 यात्री व स्थानीय लोग रास्ते में ही फंस गए थे।।इधर कमेड़ा में मलबा आने के कारण बदरीनाथ हाईवे बाधित हो गया और यहां करीब 500 वाहन फंस गए। इस दौरान कुछ वाहनों को गौचर-सारी-छिनका मार्ग से रुद्रप्रयाग के लिए भेजा गया, लेकिन यहां भी सड़क बंद होने पर रात को 25 से अधिक तीर्थयात्री जंगल में फंस गए। सूचना पर डीएम संदीप तिवारी ने रात को ही जेसीबी मौके पर भिजवाई। रात 10:30 बजे सड़क खुली और तीर्थयात्री रवाना हुए। कमेड़ा में बंद हुआ बदरीनाथ हाईवे 19 घंटे बाद खुल पाया।
सचिव आपदा ने सभी जिलों में हालात का जायजा लिया
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर मानसून के दृष्टिगत सभी जिलों में हालात का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न नदियों के जलस्तर, अवरुद्ध सड़क मार्गों तथा राज्य में हो रही बारिश को लेकर जानकारी ली। मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश के एलर्ट को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कंट्रोल रूम पहुंचकर सभी जनपदों की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को एलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए। उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को सभी जिलाधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर किसी भी आपदा की स्थिति से प्रभावी तरीके से निपटने के निर्देश दिए थे।
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