Kharmas : खरमास में क्यों नहीं होते शुभ कार्य, रोचक है वजह

Kharmas आज 16 दिसंबर से खरमास प्रारम्भ हो रहा है। इसके साथ ही देवोत्थानी एकादशी से आरंभ हुए विवाह एवं अन्य मांगलिक कार्यों पर एक माह के लिए विराम लग जाएगा।सनातन धर्म में खरमास को विशेष माना जाता है। इस दुष्ट मास भी कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि जब तक खरमास है, तब तक शुभ एवं मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। शादियों और अन्य शुभ मांगलिक आयोजनों को इस अवधि में स्थगित कर दिया जाता है। इस दौरान भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा की जाती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और खुशियां आती हैं।

हिंदू धर्म में खरमास को अत्यधिक महत्वपूर्ण समय माना गया है। खरमास इस साल 15 दिसंबर, रविवार से शुरू होने जा रहा है और 14 जनवरी, 2025 को समाप्त होगा। इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्यक्रम करने से बचना चाहिए। खरमास के दौरान सूर्य की गति धीमी हो जाती है और इस कारण शुभ कार्यों के लिए यह समय प्रतिकूल माना जाता। इस दौरान शादी-विवाह, गृह प्रवेश, और अन्य मांगलिक कार्य करने से बचा जाता है। मान्यता है कि खरमास में किए गए शुभ कार्य सफल नहीं होते हैं। इसलिए, इस अवधि में लोग धार्मिक कार्यों, पूजा-पाठ और दान आदि पर अधिक ध्यान देते हैं।

खरमास में क्यों नहीं होते मांगलिक कार्य ? Kharmas

खरमास शब्द में खर का अर्थ होता है गधा(गर्दभ) और मास का अर्थ होता है महीना। खरमास का शाब्दिक अर्थ है ‘गर्दभ का महीना’। शास्त्रों के अनुसार, जब सूर्य देव बृहस्पति ग्रह की राशियों, धनु या मीन में प्रवेश करते हैं, तो वे अपने गुरु की सेवा में लग जाते हैं। इस अवधि के दौरान सूर्य देव की ऊर्जा कमजोर पड़ जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, जब सूर्य देव अपने सात घोड़ों के रथ पर ब्रह्मांड की परिक्रमा कर रहे थे, तो उनके घोड़े अत्यधिक थक गए। सभी घोड़े प्यास से व्याकुल हो रहे थे। घोड़ों की यह स्थिति देखकर सूर्य देव बहुत दुखी हुए और उनकी चिंता होने लगी। रास्ते में उन्हें एक तालाब दिखाई दिया जिसके पास दो खर यानी गधे खड़े थे। सूर्य देव ने घोड़ों को आराम देने के लिए उन्हें खोल कर दो खरों को अपने रथ में बांध लिया। खरों की धीमी गति होने के कारण सूर्य देव का रथ भी धीमी गति से चलने लगा। इसी कारण इस महीने को खरमास कहा जाता है।

पंचांग के अनुसार सूर्य देव आज 16 दिसंबर को सुबह 7:40 बजे धनु राशि में प्रवेश करेंगे और तभी से खरमास आरंभ हो जाएंगा। खरमास 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के दिन समाप्त होगा। खरमास के दौरान कुछ विशेष कार्यों को करने की मनाही बताई गई है।खरमास में प्रतिदिन भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए।इस दौरान प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सूर्य को अर्घ्य दें और उनके मंत्रों का जाप करें।मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए खरमास के दौरान ध्यान करें। खरमास के दौरान अपनी क्षमता के अनुसार गरीबों की मदद करें।खरमास में तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। इस समय नया वाहन खरीदना या घर बनवाना भी अशुभ माना जाता है। जब तक खरमास रहता है, सगाई, विवाह, सामाजिक समारोह और गृहप्रवेश निषिद्ध माने जाते हैं। खरमास शुरू होने के साथ ही तीव्र ठंड का दौर भी शुरू हो जाएगा।

ShiningUttarakhandNews

We are in the field of Electronic Media from more than 20 years. In this long journey we worked for some news papers , News Channels , Film and Tv Commercial as a contant writer , Field Reporter and Editorial Section.Now it's our New venture of News and Informative Reporting with positive aproch specially dedicated to Devbhumi Uttarakhand and it's glorious Culture , Traditions and unseen pictures of Valley..So plz support us and give ur valuable suggestions and information for impressive stories here.