Yamraj in Uttarakhand शनि देव के बड़े भाई और धर्म स्थापना करने वाले धर्मराज यमराज हर साल उत्तराखंड का दौरा करते हैं और कुछ ही घंटे बाद लौट जाते हैं. देवों की भूमि उत्तराखंड अपनी धार्मिकता को लेकर देश के साथ पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. उत्तराखंड से हिंदू धर्म के सभी देवी देवताओं का गहरा नाता रहा है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, शनि देव के बड़े भाई यमराज का भी उत्तराखंड से गहरा रिश्ता है, जिसे निभाने के लिए वह हर साल यहां आते हैं.

उत्तराखंड में चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री है. यहां यमराज की एक प्राचीन गुफा भी है, जो उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में नचिकेता ताल के पास यम गुफा के नाम से प्रसिद्ध है.
उत्तराखंड में हैं यमराज की बहन
वैदिक पंचांग के अनुसार, दीपावली कार्तिक अमावस्या को होती है, जिसके दो दिन बाद बहन भाई के प्रेम को समर्पित भैया दूज त्योहार मनाया जाता है. रक्षाबंधन के जैसे ही भैया दूज का पर्व होता है, जिसमें बहने अपने भाई के बेहतर स्वास्थ्य, मंगल कामना और लंबी उम्र की कामना करती हैं. धर्मराज यानी यमराज की बहन भी उत्तराखंड में रहती हैं, इसलिए वह हर साल दिवाली के दो दिन बाद उत्तराखंड अपनी बहन से मिलने आते हैं.

यमराज शनिदेव के बड़े भाई और सूर्य देव के पुत्र हैं, जिनकी बहन यमुना है. हिंदू धर्म में यमुना को मां का दर्जा दिया गया है, जिनका उद्गम स्थल उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री से है. प्राचीन समय से ही यमराज अपनी बहन से मिलकर भैया दूज जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं, इस पर्व को मनाने आते हैं. यमराज अपनी बहन से मंगल तिलक करवाकर अपने लोक लौट जाते हैं. इस दिन यमुना में स्नान करने और घर के बाहर दीपक जलाने का विशेष महत्त्व बताया गया है.

