
Zoho mail Arattai के बाद अब Zoho अपने नए ईमेल प्लेटफॉर्म Zoho Mail की वजह से सुर्खियों में है। ये ऐप उन यूजर्स के बीच तेजी से पॉपुलर हो रही है जो Gmail के लिए एक प्राइवेट और एड-फ्री ऑप्शन खोज रहे हैं। Arattai के बढ़ते यूज ने दिखाया था कि भारत में लोग लोकल ऐप्स को सपोर्ट करने के लिए तैयार हैं। अब Zoho Mail भी लोकप्रियता हासिल कर रही है, खासकर उन यूज़र्स के बीच जो अपने ईमेल को ज्यादा कंट्रोल, सिक्योरिटी और सिम्प्लिसिटी के साथ मैनेज करना चाहते हैं।
आज के डिजिटल समय में हर व्यक्ति को एक भरोसेमंद ईमेल सेवा की जरूरत होती है चाहे वह पढ़ाई के लिए हो, ऑफिस के काम के लिए या फिर किसी बिज़नेस के लिए। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल आता है — Gmail vs Zoho Mail, आखिर कौन सी ईमेल सर्विस बेहतर है? दोनों ही लोकप्रिय प्लेटफॉर्म हैं, लेकिन उनके फीचर्स, सुरक्षा और स्टोरेज में बड़ा अंतर है।
आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं Gmail vs Zoho Mail
Zoho Mail की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह पूरी तरह से एड-फ्री है- कोई पॉप-अप नहीं, कोई टारगेटेड ऐड नहीं, कोई डिस्ट्रैक्शन नहीं। इसका मतलब है कि ये बेहतर प्राइवेसी और एक क्लीन इनबॉक्स ऑफर करता है। साथ ही ये मजबूत एन्क्रिप्शन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है ताकि आपका डेटा किसी थर्ड पार्टी की अनऑथराइज्ड एक्सेस से सेफ रहे।
Zoho Mail में प्रत्येक उपयोगकर्ता को 5 GB का मुफ्त स्टोरेज मिलता है।
यह जगह केवल ईमेल्स के लिए होती है,
यानि Google की तरह ड्राइव या फोटो का झंझट नहीं।
हालांकि इसका फ्री प्लान केवल 5 उपयोगकर्ताओं तक सीमित है,
पर छोटे व्यवसाय या स्टार्टअप्स के लिए यह काफी अच्छा विकल्प है।
ये प्लेटफॉर्म खासकर प्रोफेशनल्स और छोटे बिजनेस के बीच लोकप्रिय है क्योंकि ये आपको अपने खुद के कस्टम डोमेन नेम (जैसे you@yourcompany.com) का इस्तेमाल करने की सुविधा देता है। इसके अलावा इसमें शेयर कैलेंडर, नोट्स और टास्क जैसी यूजफुल टूल्स भी मिलते हैं जो टीम्स को Zoho इकोसिस्टम के अंदर ज्यादा एफिशिएंटली काम करने में मदद करते हैं। शॉर्ट में कहें तो Zoho Mail उन लोगों के लिए एक बढ़िया ऑप्शन है जो एक रिलायबल, प्राइवेसी-फोकस्ड और मेड इन इंडिया ईमेल सर्विस चाहते हैं।