हड्डियों से लेकर दिल तक रखेगा दुरुस्त

सर्दियों में जोड़ों के दर्द और अकड़न से परेशान हैं तो रागी आपकी मदद कर सकती है. इसमें कैल्शियम की मात्रा अन्य अनाजों से कई गुना अधिक होती है. नियमित रूप से रागी की रोटियां खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं और दर्द से राहत मिलती है. खासकर बुजुर्गों और महिलाओं के लिए यह बेहद फायदेमंद है.रागी का सेवन डायबिटीज पेशेंट्स के लिए वरदान माना जाता है. इसमें मौजूद फाइबर और पॉलीफेनॉल्स ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं. साथ ही यह सूजन को कम करता है और डाइजेस्टिव सिस्टम को बेहतर बनाता है. रागी के डोसे या रोटियां शुगर पेशेंट्स की डाइट में शामिल होनी चाहिए.

अगर आप वजन घटाने की कोशिश में हैं तो रागी को डाइट में ज़रूर शामिल करें. यह लंबे समय तक पेट भरा रखती है और अनावश्यक भूख को कम करती है. रागी का नियमित सेवन मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और शरीर से अतिरिक्त चर्बी को कम करता है. फिटनेस लवर्स के लिए यह सुपरफूड है.ठंड के मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना बेहद जरूरी है. रागी में आयरन, विटामिन, अमीनो एसिड और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. ये तत्व शरीर को संक्रमणों से बचाते हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं. रोजाना नाश्ते में रागी का दलिया या लड्डू बेहद फायदेमंद हैं.

रागी में मौजूद डाइटरी फाइबर हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है. यह ब्लड वेसल्स को साफ करता है और खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को घटाता है. नियमित सेवन से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है. रागी का आटा हृदय रोगियों के लिए बेहतरीन विकल्प है.रागी का सेवन शरीर को भीतर से गर्म रखता है. ठंड के मौसम में रागी का दलिया, खीर या सूप शरीर को ऊर्जा और गर्माहट दोनों देता है. यह न केवल जोड़ों की कट-कट को कम करता है बल्कि सर्दी-जुकाम से भी बचाव करता है. यही वजह है कि पहाड़ों में इसे ‘मड़ुआ’ कहा जाता है और सर्दियों में खूब खाया जाता है.