uttarakhand tourism उत्तराखंड, जिसे “देवताओं की भूमि” के रूप में भी जाना जाता है, भारत के उत्तरी भाग में स्थित एक राज्य है। राज्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। राज्य अपने ऊंचे पहाड़ों, घाटियों, नदियों और ग्लेशियरों के लिए जाना जाता है। उत्तराखंड भारत के कुछ सबसे लोकप्रिय तीर्थ स्थलों का घर भी है। इस लेख में, हम उत्तराखंड के इतिहास, संस्कृति और धार्मिक महत्व का पता लगाएंगे, जिसे देव भूमि भी कहा जाता है।
उत्तराखंड की संस्कृति समृद्ध और विविध है uttarakhand tourism
उत्तराखंड का इतिहास प्रागैतिहासिक काल का है। इस क्षेत्र पर विभिन्न राजवंशों का शासन था, जिसमें कत्यूरी वंश, गोरखा वंश और ब्रिटिश राज शामिल थे। यह राज्य ब्रिटिश राज के दौरान संयुक्त प्रांत का हिस्सा था, जो आज देश के समृद्ध और सम्पन्न हिमालयी राज्यों की कतार में आगे खड़ा होने को तैयार हो रहा है। गढ़वाल और कुमायूं की विकास यात्रा में आज यहाँ प्रगति की रफ़्तार आपको शानदार अनुभव कराती है।
राज्य कई जातीय समूहों का घर है, प्रत्येक अपनी अनूठी संस्कृति और परंपराओं के साथ। उत्तराखंड के लोग अपने गर्मजोश आतिथ्य, सरल जीवन शैली और समुदाय की मजबूत भावना के लिए जाने जाते हैं। उत्तराखंड की पारंपरिक पोशाक में पुरुषों के लिए धोती, कुर्ता और टोपी और महिलाओं के लिए साड़ी, लहंगा चोली और शॉल शामिल हैं।उत्तराखंड का लोक संगीत और नृत्य इसकी संस्कृति का अभिन्न अंग है। उत्तराखंड के कुछ लोकप्रिय लोक नृत्यों में लंगवीर नृत्य, बरदा नाटी, छोलिया और थाली-जड्डा शामिल हैं।
राज्य अपने हस्तशिल्प के लिए भी जाना जाता है, जिसमें लकड़ी की नक्काशी, ऊनी शॉल और तांबे के बर्तन शामिल हैं। उत्तराखंड को इसके धार्मिक महत्व के कारण देवभूमि या देवताओं की भूमि के रूप में जाना जाता है। राज्य कई प्राचीन मंदिरों, तीर्थ स्थलों और आश्रमों का स्थल है। उत्तराखंड के लोकप्रिय तीर्थ स्थलों में अनगिनत स्थल शामिल हैं जिनका रामायण और महाभारत काल से सीधा सम्बन्ध बताया जाता है वहीँ धार्मिक मान्यताओं से जुड़े मंदिरों और देव स्थलों की भी कदम कदम पर मौजूदगी देवभूमि दिव्यता का एहसास कराती है।
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