Nizam Mir Osman Ali Khan इस देश में यूं तो कई निजाम रहे, लेकिन आज हम आपको सबसे अमीर निजाम मीर उस्मान अली खान के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने समय के सबसे अमीर और सबसे कंजूस निजाम हुआ करते थे। उस्मान ने आखिर तक हैदराबाद का शेष भारत में विलय करने से मना कर दिया था। साथ ही वह अपने रौब के लिए जाने जाते थे। तो आइये जानते हैं हैदराबाद के आखिरी निजाम की कहानी।

Nizam Mir Osman Ali Khan आजाद भारत के वे सबसे धनी आदमी और पहले अरबपति हैदराबाद के निजाम मीर ओसमान अली थे. 1937 में टाइम पत्रिका ने उन्हें को दुनिया का सबसे अमीर इंसान घोषित किया था. हालांकि, वे जितने अमीर थे उतने ही कंजूस थे, क्योंकि उनकी कंजूसी के किस्से भी बड़े मशहूर हैं. आइये आपको बताते हैं इनके बारे में

Nizam Mir Osman Ali Khan निजाम की कुल संपत्ति 1947 में अमेरिका की कुल जीडीपी की 2 फीसदी के बराबर बैठती थी.निजाम के पास 185 कैरेट का जैकब डायमंड था जिसे वे पेपरवेट के रूप में उपयोग करते थे.अभी कई और विदेशी बैंकों में भी निजाम का पैसा फंसा हुआ है, जिसके कई दावेदार हैं.

Nizam Mir Osman Ali Khan आप देश के बड़े-बड़े अरबपति उद्योगपति के बारे में जरूर जानते होंगे, लेकिन क्या आपको आजाद भारत के पहले अरबपति (India’s First Billionaire) के बारे में कुछ पता है? आखिर कौन था यह रईस शख्स, जो महंगे हीरे को पेपरवेट की तरह इस्तेमाल करता थे, लेकिन कंजूस भी अव्वल दर्ज के थे और अपने आसपास साफ-सफाई नहीं रखते थे. आज हम आपको इस शख्सियत के बारे में सबकुछ बताएंगे.

Nizam Mir Osman Ali Khan स्वतंत्र भारत का पहला अरबपति होने का खिताब हैदराबाद के निजाम मीर ओसमान अली खान (Nizam Mir Osman Ali Khan) के पास था. टाइम पत्रिका ने अपने 22 फ़रवरी, 1937 के अंक में उन्हें अपने मुखपृष्ठ पर छापते हुए शीर्षक दिया था ”दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति.” ओसमान अली के पास बेशुमार दौलत थी. आज भी इंग्लैंड के एक बैंक में निजाम के 3 अरब से ज्यादा रुपये जमा हैं.

Nizam Mir Osman Ali Khan अमीरी के साथ ही उनकी कंजूसी के चर्चे भी खूब होते हैं. वो बहुत साधारण कपड़े पहनते थे. काफी मैले-कुचेले रहते थे. उनके बेडरूम की साल में केवल एक बार सफाई होती थी. मेहमानों को खाना खिलाने में भी वो बहुत कंजूसी करते थे. उनसे मिलने आने वाले मेहमानों को एक कप चाय के साथ बस एक ही बिस्किट परोसा जाता था. दीवान जर्मनी दास ने भी अपनी मशहूर किताब ‘महाराजा’ में लिखा है, “निज़ाम को उनके जानने वाले अमरीकी, ब्रिटिश या तुर्क़ सिगरेट पीने के लिए ऑफ़र करते थे, तो वो एक के बजाए सिगरेट के पैकेट से चार-पाँच सिगरेट निकाल कर अपने सिगरेट केस में रख लिया करते थे.

Nizam Mir Osman Ali Khan साल 1911 में ओसमान अली खान हैदराबाद के निजाम बने थे. देश जब आजाद हुआ और हैदराबाद को भारत में मिला लिया गया तब तक वे इस पद पर रहे. निजाम की कुल नेट वर्थ 230 बिलियन डॉलर यानी 17.47 लाख करोड़ (Nizam Mir Osman Ali Khan Net worth) मानी जाती है. निजाम की कुल संपत्ति 1947 में अमेरिका की कुल जीडीपी की 2 फीसदी के बराबर बैठती थी. निजाम की अपनी करेंसी और एयरलाइन थी. उनके पास 100 मिलियन पाउंड का सोना, 400 मिलियन पाउंड के जवाहरात थे. क्वीन एलिजाबेथ-2 की शादी में निजाम ने उन्हें 300 हीरे जड़ा एक नेकलेस उपहार में दिया था.

Nizam Mir Osman Ali Khan निजाम की आमदनी का सबसे बड़ा जरिया गोलकोंडा माइंस थी. उस समय यह खदान दुनिया में हीरा सप्लाई का एकमात्र जरिया थी. निजाम के पास जैकब डायमंड था जो उस समय दुनिया के सात सबसे महंगे हीरों में गिना जाता था. नींबू के आकार के इस हीरे का प्रयोग अक्सर निजाम पेपरवेट के रूप में करते थे. हैदराबाद रियासत का कुल क्षेत्रफल 80,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक था. यह इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के कुल इलाक़े से भी ज़्यादा है. उन्हें टैक्स आदि के रूप में भी खूब पैसा मिलता था.
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