Langda Aam quality आपके फ्रिज और किचेन में आजकल आम की कई वेरायटी खुशबु और स्वाद बिखरती होगी ,खाने के बाद या नाश्ते में मैंगो शेक और कटे आम लज़्ज़त भी बढ़ा रहे होंगे लेकिन जिस आम की हम बात कर रहे ख़ास है। चौसा , कलमी , दसहरी की तरह एक किस्म है लंगड़ा आम की जिसकी मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है. स्वाद के साथ-साथ ऐसी कई अन्य खूबियां हैं जिस वजह से लोग इसे खाना पसंद करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं आम लंगड़ा क्यों कहलाता है ? नहीं जानते हैं तो पढ़ लीजिये ये खबर –
Langda Aam quality क्यों कहते हैं इसे लंगड़ा आम ?

Langda Aam quality लंगड़ा आम की कहानी भी गजब है उल्टा सीधा टेढ़ा न हो ये आम लंगड़ा ही क्यों है ? हो सकता है ये सवाल आया हो लेकिन जवाब न मालूम हो , तो इसको जानने से पहले यह जानना बहुत जरूरी है कि इसके पीछे कहानी क्या है। तो चलिए जिज्ञासा शांत करते हुए बताये कि दरअसल किस्सा यूँ है कि बनारस के एक साधु ने एक पुजारी को आम के पेड़ों की देखभाल की जिम्मेदारी दी थी. वह पुजारी विकलांग था. सभी लोग उसे ‘लंगड़ा पुजारी’ के नाम से जानते थे. इसलिए आम की इस किस्म का नाम ‘लंगड़ा आम’ पड़ गया. आज भी इसे लंगड़ा आम या बनारसी लंगड़ा आम कहा जाता है.
Langda Aam quality क्या है लंगड़ा आम का इतिहास?
Langda Aam quality लंगड़ा आम का इतिहास करीब 300 साल पुराना है. अपने बेहद रसीले स्वाद के कारण यह आम भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर है. इसका उत्पादन उत्तर प्रदेश के बनारस में शुरू हुआ था. बनारस के शिव मंदिर में आए एक साधु ने लंगड़ा आम का पेड़ लगाया था. साधु ने इस पेड़ की देखभाल की जिम्मेदारी पुजारी को दी थी. साधु ने पुजारी से कहा कि जब पौधा पेड़ बन जाए और फल देने लगे तो उसका पहला फल भगवान शिव को अर्पित कर देना और भक्तों में प्रसाद बांट देना. पुजारी ने ठीक वैसा ही किया. भक्तों ने जब जब प्रसाद खाया तो वे इस आम के दीवाने हो गए.
Langda Aam quality भारत में हर साल लगभग लाखों टन लंगड़ा आम का उत्पादन होता है.
Langda Aam quality लंगड़ा आम की खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश में होती है. वहीं, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में भी इसका उत्पादन हो रहा है. इसके वृक्षों पर फल बहुतायत से लगते हैं लेकिन ये अनियमित रूप से आते हैं. इसका फल पकने के बाद भी हरा रहता है. गुदा हल्के पीले रंग का और बहुत रसदार और स्वाद में मीठा होता है. इसकी गुठली पतली और चौड़ी होती है. इसकी कीमत की बात करें तो यह 80 से 100 रुपये किलो बिक रहा है.
Must read this story – char dham yatra https://shininguttarakhandnews.com/char-dham-yatra-record/