देहरादून से अनीता आशीष तिवारी की रिपोर्ट –
Saurabh Bahuguna Dairy दरअसल उत्तराखंड के लिए बीते 22 सालों में पलायन एक ऐसा दाग बना रहा है जिसका मरहम अब तक की न सरकारों को मिला न हमारे नेताओं ने खोजा … यही वजह है कि बेरोज़गारी के दर्द से पहाड़ कराह रहा था लेकिन अब हुआ है एक बदलाव क्योंकि दूध की सफेदी में मिल रहा है स्वरोजगार का स्वाद…ऐसा पहली बार है जब पहाड़ों में पशुपालन और डेयरी ने उम्मीद की नयी अलख जगाई है क्योंकि बीते कुछ महीनों में पर्वतीय जिलों में पलायन को रोकने में डेयरी उद्योग , पशुपालन व्यवसाय ने कमाल की कामयाबी हासिल की है। विभागीय मंत्री सौरभ बहुगुणा की सीधी नज़र योजनाओं को धरातल पर सफल बनाने में लगी है। यही वजह है कि देहरादून से लेकर हल्द्वानी तक अफसर फील्ड में एक्टिव है और योजनाएं फाइलों से निकल कर लाभार्थियों तक पहुंच पा रही है। पढ़िए अनीता आशीष तिवारी की ये स्पेशल रिपोर्ट –
फील्ड में बेहद सक्रिय मंत्री माने जाते हैं सौरभ बहुगुणा Saurabh Bahuguna Dairy

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग , पिथौरागढ़ , नैनीताल , यूएस नगर , चम्पावत , उत्तरकाशी ,बागेश्वर ….ये वो जिले हैं जहाँ के युवा आज बड़ी संख्या में डेयरी व्यवसाय से जुड़े हैं और पलायन पर रोक लगी है। उत्तराखंड सरकार के सर्वोत्तम राज्य के विजन को साकार करने में आज दुग्ध क्रान्ति ने राज्य बनने के बाद पहली बार इस तरह की सफलता हासिल की है। लाभार्थियों का कहना है कि पहले योजनाएं पहाड़ के लोगों तक पहुँचती ही नहीं थी न उनकी जानकारी मिलती थी न ही अधिकारी दिलचस्पी दिखाते थे लेकिन युवा सरकार के युवा मंत्री की सक्रियता का असर आज इस बदलाव और कामयाबी की असल वजह बनी है। योजनाओं से जुड़े कार्यकम , फील्ड में अधिकारीयों के दौरे और जिलों में मंत्री सौरभ की समीक्षा का सीधा असर दिख रहा है।
इन जिलों में लगातार दूध उत्पादन में इजाफा हो रहा है. डेयरी उत्पादों के बढ़ती मांग के चलते पारंपरिक किसानों ने तो तरक्की की ही, साथ ही जिले में कई नए डेयरी व्यवसाय भी शुरू हो रहे हैं. जिसमें जिला प्रशासन एवं दुग्ध विकास विभाग अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है. नेशनल को ऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन योजना के तहत डेयरी विकास विभाग किसानों को व्यवसाय से जोड़ रहा है.
विभाग की ओर से किसानों को आधुनिक तकनीक एवं उपकरणों की जानकारी और ट्रेनिंग भी दी जा रही है. वहीं दुधारू मवेशियों की खरीद किए आसानी से लोन उपलब्ध कराने के साथ ही पशुओं की खरीद में भी मदद की जा रही है और मौजूदा समय में अकेले रुद्रप्रयाग जिले में विभिन्न महिला समूह एवं किसान मिलकर प्रतिदिन 15 हजार लीटर से ज्यादा दूध बेच रहे हैं.
अगस्त्यमुनि ब्लॉक के युवा पिछले कई सालों से दूध व्यवसाय में हैं. वो कहते हैं कि उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद स्वरोजगार को अपने करियर के तौर पर चुना. उन्होंने कई व्यवसायों में हाथ आजमाने के बाद दुग्ध उत्पादन को ही प्राथमिकता देना तय किया एवं दुग्ध विकास विभाग से संपर्क कर सभी योजनाओं की जानकारी ली. विभाग ने उन्हें योजनाओं की जानकारी देते हुए मवेशी खरीद एवं गौशाला निर्माण में उनकी मदद की. जहां उन्होंने शुरूआत में दो गाय से अपना काम शुरू किया था आज उनके पास 14 मवेशी हैं, जिनमें उच्च नस्ल की गायें शामिल हैं, जो दिन में 25 से 30 लीटर दूध देती हैं. युवा व्यवसायी प्रति महीने करीब 8500 लीटर दुग्ध उत्पादन कर तीन लाख रूपये से ज्यादा की कमाई कर रहे हैं. वहीं अपने व्यवसाय के जरिए 10 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया है.
शाइनिंग उत्तराखंड न्यूज़ से बात करते हुए कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा कहते हैं कि दुग्ध , पशुपालन जैसे व्यवसाय को अगर इसी तरह पहाड़ों में कामयाबी हासिल होती रही तो हमारे प्रदेश के युवा न सिर्फ अपनी समृद्धि को मजबूत करेंगे बल्कि दूसरों के लिए रोज़गार के नए अवसर भी बनाएंगे जिससे पलायन रुकेगा और आमदनी बढ़ेगी। आपको बता दें कि नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनसीडीसी) योजना के तहत डेयरी विकास विभाग किसानों को मवेशी खरीदने और उनका व्यवसाय स्थापित करने में पूरी मदद कर रहा है. इसके अलावा समय-समय पर व्यवसाय के लिए प्रशिक्षण एवं आधुनिक तकनीक के प्रयोग भी सिखाए जा रहे हैं…
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